Edited By Manisha rana, Updated: 23 Jun, 2024 11:01 AM
पानीपत जिले में नशा तस्करों से सौदेबाजी में सीआईए-टू प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि सीआईए-टू थाने के तत्कालीन प्रभारी सौरभ ने दो हवलदार और दो सिपाहियों के साथ मिलकर नशा तस्करों से 30 लाख रुपये की सौदेबाजी की।
पानीपत (सचिन शर्मा) : पानीपत जिले में नशा तस्करों से सौदेबाजी में सीआईए-टू प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि सीआईए-टू थाने के तत्कालीन प्रभारी सौरभ ने दो हवलदार और दो सिपाहियों के साथ मिलकर नशा तस्करों से 30 लाख रुपये की सौदेबाजी की। इसके तहत नशा तस्करी में धरे गए एक आरोपी को छोड़ दिया, जबकि दूसरे आरोपी से भी बरामद नशे की मात्रा कम दिखा दी। सौदे के तहत आरोपियों से पुलिसकर्मियों ने 22 लाख रुपये वसूल लिए और आठ लाख रुपये अभी लेने थे। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच कराई। प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर पांचों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार सीआईए-टू पानीपत की टीम ने कुछ दिन पहले रोहतक के चिड़ी गांव निवासी सुमित उर्फ मोनू को एक किलो 20 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया था। आरोप है कि सीआईए-टू की टीम ने मामले में आरोपियों से लाखों रुपये वसूल लिए। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने अपने स्तर पर इसकी जांच कराई। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि सुमित उर्फ मोनू के साथ उसी के गांव का रविंद्र भी अफीम लेकर जा रहा था। उसके पास ढाई किलोग्राम अफीम थी। पुलिस ने आरोपी से 30 लाख रुपये में सौदा कर लिया और रविंद्र को छोड़ दिया। जबकि सुमित को गिरफ्तार कर उससे एक किलो 20 ग्राम अफीम बरामद दिखाई।
वहीं इसके बाद पुलिस अधीक्षक के आदेश पर चिड़ी गांव निवासी आरोपी रविंद्र को 10 दिन बाद गिरफ्तार किया गया। उसने पूछताछ में पूरा मामला पुलिस अधिकारियों के सामने उगल दिया। इस पर पुलिस अधीक्षक ने मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी सौरभ, हवलदार उमेद, पुनीत और सिपाही दीपक व मनदीप को सस्पेंड कर दिया है।
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