Hisar के 27 स्कूलों में जर्जर इमारतों में हो रही पढ़ाई, हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान...अब होगा Action

Edited By Isha, Updated: 12 Aug, 2025 11:50 AM

27 schools in hisar are studying in dilapidated buildings

हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने हिसार ज़िले के सरकारी स्कूलों की खतरनाक स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए स्वत: संज्ञान लिया है। एक प्रमुख समाचार पत्र में 07 अगस्त 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी ): हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने हिसार ज़िले के सरकारी स्कूलों की खतरनाक स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए स्वत: संज्ञान लिया है। एक प्रमुख समाचार पत्र में 07 अगस्त 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि हिसार ज़िले के 27 सरकारी स्कूलों की इमारतें या उनके बड़े हिस्से लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा "असुरक्षित" घोषित किए जाने के बावजूद, वहीं पर कक्षाएं चलाई जा रही हैं। कई जगह छात्र खुले बरामदों, सील कमरों, लैब और स्टाफ हॉल में ज़मीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बरसात के मौसम में सांप और अन्य खतरों का भी डर बना हुआ है।

अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति ललित बत्रा और सदस्यों श्री कुलदीप जैन एवं श्री दीप भाटिया को मिलकर बने पूर्ण आयोग के अनुसार, यह महज़ असुविधा का मामला नहीं बल्कि बच्चों के जीवन और सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ है। मंगाली गाँव के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 480 छात्र खुले बरामदे में पढ़ रहे हैं क्योंकि 22 कमरे गिरने के खतरे के चलते सील कर दिए गए हैं। डोभी गाँव में सभी 24 कक्षाएं जर्जर हैं और छात्रों को लाइब्रेरी, लैब व स्टाफ रूम में ठूंसकर पढ़ाया जा रहा है। धांसू, सिसवाला, आर्य नगर और राजली जैसे कई स्कूलों में बच्चे इमारतों के उन हिस्सों में पढ़ रहे हैं, जहां दीवार या छत गिरने का खतरा हर समय बना रहता है।

हिसार में जर्जर इमारतों की सूची

  • धांसू — पूरा भवन असुरक्षित
  • डोभी — 24 कमरे
  • मंगाली — 22 कमरे
  • राजली — 16 कमरे
  • धनी मोहब्बतपुर — 12 कमरे
  • सिसर खरबाला — 11 कमरे
  • बास (मॉडल संस्कृत) — 10 कमरे
  • आर्य नगर (गर्ल्स स्कूल) — 10 कमरे
  • सिसवाला — 8 कमरे
  • (अन्य स्कूलों में 2 से 5 कमरे असुरक्षित)

संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन
न्यायमूर्ति ललित बत्रा की अध्यक्षता वाले पूर्ण आयोग ने अपने आदेश में लिखा है कि यह स्थिति संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) और अनुच्छेद 21A (शिक्षा का अधिकार) का उल्लंघन है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि और मानवाधिकार सार्वभौमिक घोषणा के तहत बच्चों के सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकार का भी हनन है।

दूसरे राज्यों की दर्दनाक घटनाओं का हवाला
राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में हाल ही में एक सरकारी स्कूल का गेट गिरने से 7 वर्षीय बच्चे की मौत और झालावाड़ ज़िले में स्कूल भवन गिरने से 7 छात्रों की मौत जैसे हादसों का जिक्र करते हुए अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति ललित बत्रा और सदस्यों श्री कुलदीप जैन एवं श्री दीप भाटिया ने चेताया कि हरियाणा में ऐसा कोई हादसा न हो, इसके लिए तत्काल कदम उठाने होंगे।

आठ सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी
प्रोटोकॉल, सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने जानकारी दी कि प्रिंसिपल सेक्रेटरी, स्कूल शिक्षा विभाग; महानिदेशक, माध्यमिक शिक्षा; उपायुक्त, हिसार; अतिरिक्त उपायुक्त, हिसार; और ज़िला शिक्षा अधिकारी, हिसार को निर्देश दिया है कि निम्न बिंदुओं पर 8 हफ्तों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट दें| हरियाणा मानव अधिकार आयोग के आदेश के अनुसार  इस मामले में अगली सुनवाई 30 अक्तूबर 2025 को है|

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