Edited By Deepak Kumar, Updated: 02 Dec, 2024 09:24 PM
जिला परिषद की चेयरपर्सन आरती रावत की कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है। पलवल जिले के असंतुष्ट पार्षदों ने हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 के अनुसार पूर्ण बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
पलवल (दिनेश कुमार): हथीन से भाजपा नेता मनोज रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सबसे पहले तो उनकी धर्मपत्नी आरती रावत पर जिला परिषद में करोड़ों रुपये के घोटाले करने के आरोप लगे और फिर मनोज रावत को विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद इशराईल से हार का मुंह देखना पड़ा। अब उनकी धर्मपत्नी जिला परिषद की चेयरपर्सन आरती रावत की कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है।
पलवल जिले के असंतुष्ट पार्षदों ने हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 के अनुसार पूर्ण बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया है और जिला उपायुक्त से मांग की है की वर्तमान में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन को उनके पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर अमल करने के लिए मीटिंग बुलाई जाए।
15 जिला पार्षदों ने चेयरमैन के खिलाफ दिया अविश्वास प्रस्ताव
जिला पार्षद सतीश कुमार, हेमलता, आरिफा वकार, यामिन खान,अजीत सिंह, तब्बुसम, बलराम, रेखा, गायत्री, राजेश कुमार, पुष्पा, मीना, हरवंश लाल, चंद्रकांत सहित 15 जिला पार्षदों ने चेयरमैन आरती और वाइस चेयरमैन विरेंद्र सिंह के खिलाफ जिला उपायुक्त को अविश्वास प्रस्ताव पत्र दिया है।
जांच के बाद ही कार्रवाई होगीः जिला उपायुक्त
जिला परिषद चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से एक बार फिर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। जिला उपयुक्त डॉ हरीश कुमार वशिष्ठ को लिखित शिकायत सौंपी दी है। जिला उपायुक्त ने मामले की जांच के बाद ही कार्रवाई की बात कही है
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