Edited By Yakeen Kumar, Updated: 05 Sep, 2025 10:25 PM

यह खुलासा सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की रिपोर्ट में हुआ है।
हरियाणा डेस्क : हरियाणा के फरीदाबाद जिले में पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 780 एकड़ वन भूमि पर करीब 6,800 अवैध इमारतें खड़ी कर दी गई हैं। यह खुलासा सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की रिपोर्ट में हुआ है।
29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पेश अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक, यह भूमि पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम, 1900 के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र में आती है और इसमें वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत संरक्षित जंगल की सभी विशेषताएं मौजूद हैं। यह इलाका अनखीर, अनंगपुर, लक्कड़पुर और मेवला महाराजपुर गांवों में फैला हुआ है।
फार्महाउस से लेकर बैंक्वेट हॉल तक हैं शामिल
समिति ने बताया कि इस जमीन पर बिना केंद्र सरकार की अनुमति के फार्महाउस, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल, स्कूल और यहां तक कि कुछ सरकारी इमारतें भी खड़ी कर दी गईं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद कार्रवाई करते हुए अब तक 261 एकड़ क्षेत्र में 241 अवैध संरचनाओं को तोड़ा जा चुका है, लेकिन अब भी बड़े पैमाने पर अतिक्रमण जारी है।
पर्यावरणविदों की चिंता
पर्यावरणविदों का मानना है कि इस तरह की अवैध गतिविधियाँ न सिर्फ वन क्षेत्र की जैव विविधता को खतरे में डाल रही हैं, बल्कि NCR में पहले से मौजूद वायु और ध्वनि प्रदूषण संकट को और गहरा कर रही हैं। सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि शेष अवैध निर्माणों को तुरंत हटाने के साथ-साथ भूमि की बहाली की ठोस योजना बनाई जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह जंगल सुरक्षित रह सके।