गांव से ग्लैमर तक : 'रॉयसा राजपुरोहित' ने बनाई फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 09 Nov, 2024 08:33 PM

roysa rajpurohit  made her mark in the film industry

रॉयसा ने 2013 में टेलीविजन सीरीज़ 'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' का निर्माण किया और उसी साल 'जिला गाजियाबाद' और 'आर राजकुमार' जैसी फिल्मों में काम कर खूब वाहवाही बटोरी।

गुड़गांव, (ब्यूरो): जालोर राजस्थान के छोटे से गांव शंखवाली से निकलकर बॉलीवुड की रंगीन दुनिया में अपनी पहचान बनाना आसान नहीं था, लेकिन गोपाल राज राजपुरोहित, जिन्हें हम सब 'रॉयसा राजपुरोहित' के नाम से जानते हैं, ने इसे सच कर दिखाया। 17 अगस्त 1989 को जन्मे रॉयसा ने बचपन में तो पुलिस की वर्दी पहनने का सपना देखा था, मगर किस्मत में उनके लिए कुछ और ही तय था।

 

सरकारी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रॉयसा ने महाराष्ट्र का रुख किया, जहां उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के माहौल को करीब से महसूस किया। उनका पहला असल कनेक्शन तब बना जब उन्हें शाहरुख खान की फिल्म 'स्वदेश' की शूटिंग देखने का मौका मिला। शाहरुख की अदाकारी और फिल्म सेट के ग्लैमर से उनका भी दिल इस चमचमाती दुनिया की ओर खिंचने लगा।

 

बॉलीवुड में कदम और बड़े प्रोजेक्ट्स का सफर

रॉयसा राजपुरोहित (जन्म 17 अगस्त 1989 - राजस्थान, भारत) अब एक जाने-माने एक्टर और प्रोड्यूसर हैं, जिनके खाते में बजरंगी भाईजान, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, आर राजकुमार और खट्टा-मीठा जैसी बड़ी फिल्में शामिल हैं। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने मॉडलिंग से की और कई टीवी विज्ञापनों में काम किया। बॉलीवुड में उनकी एंट्री 2009 में फिल्म 'अजब प्रेम की गजब कहानी' में लाइन प्रोड्यूसर के रूप में हुई।

 

रॉयसा ने 2013 में टेलीविजन सीरीज़ 'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' का निर्माण किया और उसी साल 'जिला गाजियाबाद' और 'आर राजकुमार' जैसी फिल्मों में काम कर खूब वाहवाही बटोरी। 2015 में तनु वेड्स मनु रिटर्न्स और बजरंगी भाईजान जैसी हिट फिल्मों में प्रोडक्शन किया, जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। इसके अलावा, रॉयसा की हालिया परियोजनाओं में जिला गाजियाबाद और तनाव-2 जो Sony Liv पर अब स्ट्रीम हो रही है, शामिल हैं और उनका अगला प्रोजेक्ट *Freedum of Midnight* भी जल्द ही रिलीज होने वाला है।

 

रफ कॉपी फिल्म्स और राजस्थान-कश्मीर में नए प्रोजेक्ट्स

कुछ समय महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में बिताने के बाद, रॉयसा ने अपने फिल्मी करियर को नया मोड़ दिया और खुद का प्रोडक्शन हाउस “रोअरिंग लायंस प्रोडक्शंस” शुरू किया। इसके अलावा, उन्होंने "रफ कॉपी फिल्म्स" के बैनर तले भी बड़े प्रोजेक्ट्स में काम किया। आज यह कंपनी राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रों में फिल्म और टीवी प्रोजेक्ट्स का मैनेजमेंट कर रही है।

 

अब रॉयसा का फोकस खासतौर पर राजस्थान और कश्मीर पर है। उनका मानना है कि इन जगहों की खूबसूरती और सांस्कृतिक धरोहर को बड़े पर्दे पर उतारकर उन्हें एक नई पहचान दी जा सकती है।

 

युवाओं के लिए एक प्रेरणा

रॉयसा राजपुरोहित का यह सफर दिखाता है कि मेहनत और जुनून हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। गांव से निकलकर बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाना आसान नहीं होता, लेकिन रॉयसा ने अपने आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के दम पर इसे मुमकिन कर दिखाया।

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