Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 29 Jul, 2025 08:56 PM

निगम पार्षदों की बैठक ना होने से गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था चरमरा चुकी है। नगर निगम के चुनाव को पांच माह बीत चुके हैं बावजूद इसके अब तक निगम पार्षदों की एक भी बैठक नहीं हुई।
गुड़गांव, (ब्यूरो): निगम पार्षदों की बैठक ना होने से गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था चरमरा चुकी है। नगर निगम के चुनाव को पांच माह बीत चुके हैं बावजूद इसके अब तक निगम पार्षदों की एक भी बैठक नहीं हुई। जिससे सफाई व्यवस्था सहित शहर के अन्य जरूरी मुद्दों पर चर्चा नही हो पा रही है।
सेक्टर- 3, 5 व 6 के पूर्व आरडब्ल्यूए अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ ने कहा कि सेक्टर की सड़कों व ग्रीन बेल्ट पर गंदगी की भरमार है। जिस पर निगम पार्षद कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने के बाद भी गुरुग्राम गंदगी को लेकर अंतरर्राष्ट्रीय सतर पर चर्चा में है। गुरुग्राम मुख्यमंत्री, राज्यपाल व हरियाणा सरकार के मंत्रियों के लिए आरामगाह बना हुआ है। उन्होने कहा हाल में एक फ्रांसीसी महिला का बयान सुर्खियां में था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था की बदनामी हो रही है। निगम पार्षदों बैठक होती तो पार्षद अपने वार्ड के मुद्दों को उठाते। जनता ने उन्हें कार्य के लिए ही चुना है, मगर वे गूंगे बहरे बनकर तमाशा देख रहे हैं। दूसरी ओर शहर की मेयर व जन सरोकार के मुद्दों में अनुभवहीन हैं। ऐसे में गुरुग्राम के लिए आवाज उठाने वाली कोई सशक्त आवाज नहीं है। जिसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड रहा है।