Edited By Deepak Kumar, Updated: 30 Jul, 2025 06:26 PM

रेवाड़ी के एक गांव में बुधवार को एक बुजुर्ग दंपती ने जीवन का अंतिम सफर भी एक साथ तय किया। 90 वर्षीय सुरजी देवी के निधन के 30 मिनट बाद ही उनके 93 वर्षीय पति दलीप सिंह ने भी कुर्सी पर बैठे-बैठे प्राण त्याग दिए।
रेवाड़ी (महेन्द्र भारती) : जिले के एक गांव में बुधवार को एक भावुक कर देने वाली घटना सामने आई, जहां एक बुजुर्ग दंपती ने जीवन का अंतिम सफर भी एक साथ तय किया। 90 वर्षीय सुरजी देवी के निधन के 30 मिनट बाद ही उनके 93 वर्षीय पति दलीप सिंह ने भी कुर्सी पर बैठे-बैठे प्राण त्याग दिए। दोनों की एक साथ मौत से जहां गांव और परिवार में शोक है, वहीं उनकी लंबी उम्र और चौथी पीढ़ी तक का सुख देखने की संतुष्टि भी परिजनों को है। इसलिए परिजनों ने ढोल-नगाड़ों और रंग-बिरंगे गुब्बारों के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली। दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया।
पत्नी के निधन की खबर सुनते ही शांत हो गए दलीप सिंह
दंपती के बेटे फूल सिंह ने बताया कि मां की तबीयत बिगड़ने पर तुरंत गांव के डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने सुरजी देवी को मृत घोषित कर दिया। यह खबर थोड़ी देर बाद बाहर कुर्सी पर बैठे दलीप सिंह को मिली। यह सुनते ही वह चुप हो गए और उसी कुर्सी पर बैठे-बैठे उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
बेटियां पहुंचीं तो पिता भी मृत मिले
फूल सिंह ने बताया कि मां की मौत की सूचना जैसे ही उन्होंने बहनों को दी, वे घर पहुंचीं। लेकिन जब तक वे पहुंचीं, पिता की भी मृत्यु हो चुकी थी। इस दुखद समाचार से परिवार में शोक की लहर है, लेकिन इस बात की तसल्ली भी है कि माता-पिता ने लंबा और संतुलित जीवन जिया।
सेना से किसान तक, संपूर्ण जीवन की तस्वीर
सुरजी देवी और दलीप सिंह के दो बेटे हैं। बड़े बेटे राजेंद्र सिंह सेना में कार्यरत थे, जिनका करीब 20 साल पहले निधन हो गया था। छोटे बेटे फूल सिंह खेती करते हैं। उनकी चार बेटियां भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। दंपती अपने पीछे 3 पौत्र और 4 पड़पौत्र छोड़ गए हैं। परिजनों का कहना है कि दोनों ने पूरे परिवार को जोड़ा और सभी को स्नेह दिया। उनके जीवन और मृत्यु दोनों ही मिसाल बन गई।
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