Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 19 Nov, 2024 06:41 PM
हरियाणा वन विभाग एक बार फिर नेतृत्व संकट का सामना कर रहा है। मुख्य प्रधान वन संरक्षक (PCCF) का पद पिछले एक महीने से खाली है, जिससे प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है।
गुड़गांव ब्यूरो : हरियाणा वन विभाग एक बार फिर नेतृत्व संकट का सामना कर रहा है। मुख्य प्रधान वन संरक्षक (PCCF) का पद पिछले एक महीने से खाली है, जिससे प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। यह स्थिति तब और जटिल हो गई जब वरिष्ठ अधिकारियों पर लगे आरोपों के चलते नए PCCF की नियुक्ति में देरी हो रही है।
नेतृत्व की तलाश में सरकार
हरियाणा सरकार ने हाल ही में जगदीश चंद्र, 1988 बैच के भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी, को PCCF के पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया है। चंद्र केवल डेढ़ महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस फैसले को मुख्य सचिव द्वारा दो महीने से कम सेवा अवधि वाले अधिकारियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यावरण, वन और वन्यजीव) आनंद मोहन शरण ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि चंद्र के कार्यकाल में, स्थानांतरण, भुगतान और अनुशासनात्मक मामलों जैसे महत्वपूर्ण फैसले लेने में कठिनाई हो सकती है।
IFS अधिकारी वीनीत गर्ग, 1989 बैच, को PCCF के लिए प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है। वह वर्तमान में PCCF (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन के रूप में कार्यरत हैं। लेकिन उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं, जिसके चलते उनका मामला सतर्कता विभाग और लोकायुक्त के पास लंबित है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 सितंबर को पूर्व PCCF पंकज गोयल के सेवानिवृत्त होने और उनकी जगह खाली होने के बाद से विभाग के कार्य ठप हो गए हैं। साथ ही, प्रशासनिक समस्याएं बढ़ गई हैं।
क्या कहते हैं नियम? -
भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, PCCF (HoFF) पद पर नियुक्ति के लिए उत्कृष्ट योग्यता, निष्ठा और उस पद के लिए विशिष्ट उपयुक्तता को प्राथमिकता दी जाती है।
हरियाणा के वन विभाग में नेतृत्व का यह संकट कई जटिलताओं के साथ जुड़ा हुआ है। सरकार के सामने चुनौतियां यह सुनिश्चित करने की हैं कि योग्य और ईमानदार अधिकारी इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त हों। इस प्रक्रिया में विभाग की प्रशासनिक स्थिरता और पारदर्शिता बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।