Edited By Shivam, Updated: 23 Jan, 2021 12:13 AM

रोहतक की अदालत में एडिशनल सेशन जज रितु वाईके बहल ने बहुचर्चित महम कांड के फैसले को सुरक्षित रखा है। अब सोमवार को पता चलेगा कि इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला चलेगा या नहीं, जिसके लिए शुक्रवार को अदालत में बहस पूरी हो...
रोहतक (दीपक भारद्वाज): रोहतक की अदालत में एडिशनल सेशन जज रितु वाईके बहल ने बहुचर्चित महम कांड के फैसले को सुरक्षित रखा है। अब सोमवार को पता चलेगा कि इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला चलेगा या नहीं, जिसके लिए शुक्रवार को अदालत में बहस पूरी हो चुकी है।
मामला 1990 का है जब महम उपचुनाव में बंसी गांव में बूथ कैप्चरिंग के चलते गोलियां चली थी। इस गोलीबारी में आधा दर्जन के करीब लोग मारे गए थे। मामले में लगभग आठ आरोपियों में से इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला भी आरोपी बनाए थे।
बचाव पक्ष के वकील विनोद अहलावत ने बताया कि 1990 में महम उपचुनाव के दौरान महम विधानसभा क्षेत्र के 8 गांव में 28 तारीख को रिपोलिंग के दौरान हलके के गांव बंसी में बूथ कैप्चरिंग को लेकर गोलियां चली थी, जिसमें लगभग आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी।

अहलावत ने बताया कि कांग्रेस नेता आनंद सिंह डांगी भी उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार थे। उनके भाई धर्मपाल डांगी जो उनके कवरिंग कैंडिडेट थे, उन्होंने 8 लोगों के खिलाफ पुलिस में 302 और अन्य धाराओं के तहत शिकायत दी थी, जिनमें इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला भी शामिल थे।
अहलावत के मुताबिक, 1990 से लेकर 2015 तक कोई भी कार्रवाई ना होने पर मृतक शेर सिंह के भाई रामफल ने केस की सुनवाई की दोबारा से याचिका लगाई थी, जिसकी बहस आज रोहतक के एडीशनल सेशन जज की कोर्ट में पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जज रितु वाई के बहल ने फैसला सोमवार तक सुरक्षित रखा है। अब सोमवार को फैसला आने के बाद ही पता चल पाएगा कि इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला पर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला चलेगा या नहीं