विधायकों को धमकी देने वाला साईबर धोखेबाज, जो किसी भी आतंकवादी संगठन या जबरन वसूली रैकेट से जुड़े नहीं: विज

Edited By Isha, Updated: 09 Aug, 2022 12:40 PM

unknown assailants killed the young man after being roasted with bullets

हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति शान्तिपूर्ण और नियंत्रण में है। कानून और व्यवस्था के सभी मुद्दों को हरियाणा पुलिस द्वारा प्रभावी ढंग से और कानून अनुसार निपटाया गया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि...

चण्डीगढ(चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति शान्तिपूर्ण और नियंत्रण में है। कानून और व्यवस्था के सभी मुद्दों को हरियाणा पुलिस द्वारा प्रभावी ढंग से और कानून अनुसार निपटाया गया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि विधायकों को जबरन वसूली के कॉल/धमकी मिलने की सूचना के उपरांत विधायकों को व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मी प्रदान किए गए, सुरक्षाकर्मियों के लिए वीवीआईपी सुरक्षा बारे रिफ्रेसर कोर्स का आयोजन किया गया और विधायकों के सुरक्षाकर्मियों को एके 47 जैसे उन्नत हथियार भी प्रदान किए गए।

 विज आज यहां हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने बताया कि हरियाणा में कुछ विधायकों को जबरन वसूली के कॉल/धमकी मिलने की सूचना मिली थी। इसकी सूचना मिलते ही सम्बन्धित थाना क्षेत्र में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई और सदस्यों की सुरक्षा को बढ़ाया गया।

 
उन्होंने बताया कि मामलों की जांच विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को सौंपी गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन मामलों को सर्वाेच्च प्राथमिकता मिले और अन्य राज्यों की जांच/खुफिया एजेन्सियों और केन्द्रीय एजेन्सियों के साथ समन्वय सुनिश्चित किया जा सके। यह भी पता चला कि न केवल हरियाणा के विधायकों को बल्कि अन्य राज्य के विधायकों को भी इसी तरह की धमकी मिली थी।

 
पुलिस महानिरीक्षक (एसटीएफ) ने इन मामलों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक, (एसटीएफ) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया। मोबाईल फोन्स के तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि धमकी भरे कॉल करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे नम्बर मध्य पूर्वी देशों में पंजीकृत थे और पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे थे। तदानुसार, विदेशों में जांच के सम्बन्ध में केन्द्रीय एजेन्सियों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक टीम को भी नियुक्त किया गया। उन्होंने बताया कि उचित जांच के बाद, एक गिरोह के 6 सदस्यों (मुम्बई से 2, मुजफ्फरपुर, बिहार से 4) को गिरफ्तार किया गया और कुल 55 एटीएम, 24 मोबाईल फोन, 56 सिम कार्ड, 22 पासबुक/चैकबुक, 397000 रुपये नकद, एक वाहन, तीन डायरी और एक रजिस्टर दोषियों के कब्जे से बरामद किया गया। जांच के दौरान, यह भी पता चला कि धमकी एवं जबरन वसूली की मांग कुछ पाकिस्तानी निवासियों के माध्यम से की गई थी।

 
उन्होंने बताया कि यह भी पता चला कि इसमें शामिल व्यक्ति साईबर धोखेबाज हैं, जो किसी भी आतंकवादी संगठन या जबरन वसूली रैकेट से जुड़े नहीं हैं। वे पंजाब में हाल ही में प्रकाशित/प्रचारित आपराधिक घटनाओं का उपयोग कर वर्तमान स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे थे। मामलों की जांच जारी है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार, दृढ़, त्वरित और निर्णायक कार्यवाही करके यह सुनिश्चित किया गया है कि जनप्रतिनिधि स्वतंत्र और निडर होकर अपने कर्तव्यों का पालन करते रहें। हरियाणा पुलिस अन्य राज्यों के पुलिस बलों को भी उनके अधिकार क्षेत्र में समान प्रकृति के मामलों की जांच के सम्बन्ध में सहायता प्रदान कर रही है।


गृह मंत्री ने बताया कि  कुलदीप वत्स, विधायक, बादली से सम्बन्धित घटनाओं  के सम्बन्ध में दो प्रकरण दर्ज किए गए हैं- एक पटौदी और एक झज्जर में। फिलहाल दोनों मामलों की जांच चल रही है। उस घटना के सम्बन्ध में जिसमें एक विडियो प्रसारित किया गया था, जिसमें कुछ लोगों ने कथित तौर पर मामन खान, विधायक, फिरोजपुर झिरका को धमकी दी थी, इस सम्बन्ध में पुलिस को कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

डीएसपी सुरेन्द्र सिंह की हत्या पर पुलिस कार्यवाही
गृह मंत्री ने बताया कि  सुरेन्द्र सिंह तत्कालीन डीएसपी, तावडू, नूह ने 19 जुलाई 2022 को गश्त डियूटी पर रहते हुए अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी की। उस समय अवैध खनन में शामिल एक वाहन को इनके ऊपर से चढ़ाकर निकाला गया जिससे उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर तुरन्त एक आपराधिक मुकदमा नंबर 309 दिनांक 19 जुलाई, 2022 धाराधीन 307, 302, 333, 186, 120-बी, 379, 188, 506 भारतीय दंड संहित एवं - 21 (4) ए. एम. एम. एक्ट, 3(2) पी.डी.पी.पी. एक्ट 1984 एवं 25-54-59 आम्र्स एक्ट, थाना सदर तावडू, जिला नूह दर्ज किया गया और डीजीपी हरियाणा सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भी जांच की निगरानी और शामिल अपराधियों को पकडऩे के प्रयासों के समन्वय के लिए घटनास्थल का दौरा किया। पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए उसी दिन एक मुठभेड के पश्चात घटना के कुछ घंटो के भीतर ही डम्पर के क्लीनर ईक्कर को गिरफ्तार किया गया तथा लगभग 24 घंटे के अन्दर मुख्य अभियुक्त डम्पर के चालक सब्बीर उर्फ मित्तर को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा की गई छापेमारी एवं अथक प्रयासों के कारण मामले से सम्बन्धित सभी 12 लोगों को घटना के दस दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया। अपराध में शामिल डम्पर बरामद किया गया तथा डम्पर मालिक को भी गिरफ्तार किया गया।
 
खुफिया रिपोर्टों के आधार पर 20 से 25 जुलाई, 2022 तक 5 दिनों के लिए, जिला नूंह के 33 गांवों, जो खुफिया इनपुट के अनुसार अवैध खनन गतिविधियों में शामिल थे, में पुलिस एवं खनन विभाग के अधिकारियों द्वारा एक सामूहिक कोर्डन और तलाशी अभियान चलाया गया। इस कार्यवाही के दौरान, 51 वाहन 16 डम्पर/हाइवा, 02 जेसीबी, 01 जेसीबी (कंप्रेसर के साथ), 02 ट्रैक्टर (कंप्रेसर के साथ), 01 कंप्रेसर मशीन, 29 ट्रैक्टर (ट्रॉली सहित), जो एन.जी.टी. के आदेशों के अनुसार अवैध खनन गतिविधियों में शामिल थे, को खनन विभाग द्वारा पुलिस की मदद से जब्त किया गया। पुलिस विभाग द्वारा कुल 297 वाहन ( मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 268 वाहन और 102 सीआरपीसी के तहत 29 वाहन ) जो बिना दस्तावेज या बिना नंबर प्लेट के पाए गए, को जब्त किया गया।
 
डीएसपी सुरेन्द्र सिहं का अंतिम संस्कार हिसार में उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की गई है।
इसके अलावा, अवैध खनन के खिलाफ हरियाणा पुलिस लगातार कड़ी कार्यवाही कर रही है। हरियाणा में 01 जनवरी, 2020 से 31 जुलाई, 2022 तक की अवधि के दौरान अवैध खनन के कुल 1835 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 1977 आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और 4065 वाहन जब्त किए गए। इसी अवधि के दौरान, कार्यवाही करने वाले अधिकारियों पर हमलों से सम्बन्धित 69 प्राथमिकी दर्ज की गई और इन मामलों में 194 आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और सलाखों के पीछे डाल दिया गया। 

कानून और व्यवस्था की स्थिति
राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति शान्तिपूर्ण और नियंत्रण में है। प्रदेश में साप्रदायिक सदभाव का माहौल बना हुआ है। सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के नागरिक शान्ति और सदभाव से रह रहे हैं। कानून और व्यवस्था के सभी मुद्दों को हरियाणा पुलिस द्वारा प्रभावी ढंग से और कानून अनुसार निपटाया गया है।


उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि सदन के सदस्य बहुत ही गंभीरता से इस मामले को उठाएंगे और हमने भी इस मामले को गंभीरता से ही लिया क्योंकि धमकी भरे काल दुबई के नंबर से आ रहे थे। जब हमने रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि एक अफगानी नागरिक सिम लेकर गया है वहां से उसके बाद हमने आईपी एड्रेस को चेस करना शुरू किया, जिससे पता चला कि यह कॉल फैसलाबाद से आ रही थी। उन्होंने बताया कि आईपी एड्रेस को चेस करने के बाद पता चला कि इसके बिहार के कुछ लोगों के तार जुड़े हुए हैं और कुछ लोगों के तार महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं। इन लोगों से 55 एटीएम कार्ड, 98 सिम कार्ड, 24 मोबाइल फोन, 22 बैंक पासबुक बरामद की गई।

 
विज ने बताया कि जब इस पर काम शुरू किया गया तो पता चला कि पंजाब के तीन विधायक और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 2 विधायकों को भी इस प्रकार की धमकी भरी कॉल आई थी। जांच करने पर पता चला कि  864 लोगों के खाते चैक किए गए और 55 बैंक के खातों से 2 करोड़ 77 लाख 3 हजार 756 की राशि को निकाला गया। हमारी पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय गिरोह को तोडऩे का काम किया। उन्होंने कहा कि किस-किस एटीएम से पैसे निकाले गए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी बाकी है और सिम कार्ड का डाटा भी खंगाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस के जवानों ने अच्छा काम किया है और हमने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस मामले के डेड एंड से लेकर डेड एंड तक कार्रवाई करें और आने वाले समय में इस मामले में सफेदपोशों के नाम भी उजागर हो सकते हैं। हम एक-एक आदमी की छानबीन कर रहे हैं और सारी जानकारी हासिल कर रहे हैं। हम सारे देश में साइबर ठगी के धंधे से बंद करवा देंगे।

 
 विज ने कहा कि इस मामले में डाटा को एकत्रित किया जा रहा है। इस गिरोह के मोड्स ऑपरेंडी के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि यह लोग पहले खाता खोल दिया करते थे और 50 आदमी को धमकी देते थे और उनमें से जो भी आदमी इनके झांसे में आ जाता था वह खाते में पैसे जमा करा दिया करता था और अपनी बारी के हिसाब से इस गिरोह के लोग पैसों को निकाल लिया करते थे। हमने फर्जी कॉल करके इस ग्रुप को पकड़ लिया और वह हमारे झांसे में आ गया।

 
उन्होंने कहा कि पार्टी बाजी को भूल कर हमें आज अपने लोगों को शाबाशी देने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए। हालांकि हम विभाग के लोगों का सजा के तौर पर ट्रांसफर या सस्पेंड करते है। अच्छा काम करने पर इन्हें इनाम भी दिया जाना चाहिए। इसी कड़ी में हमने 30 ईनामों को रखा है जिसके तहत 10 मुख्यमंत्री, 10 गृहमंत्री और 10 डीजीपी मेडल दिए जाएंगे और ऐसे पुलिसकर्मियों को 21000 की राशि और 6 महीने का सेवा भी विस्तार दिया जाएगा। विज ने कहा कि शासन में सख्ती के साथ-साथ शबासी भी देनी चाहिए। 

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