Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 01 Jul, 2025 08:24 PM

मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी करने के मामले में पुलिस ने महिला सहित एक डॉक्टर व प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार कर लिया है।
गुड़गांव, (ब्यूरो): मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी करने के मामले में पुलिस ने महिला सहित एक डॉक्टर व प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी डॉक्टर और प्रॉपर्टी डीलर की साइबर ठगी के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराने में अहम भूमिका रही है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
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पुलिस के मुताबिक, 14 मई को एक व्यक्ति ने साइबर थाना वेस्ट पुलिस को बताया था कि उसके पास एक फोन आया था जिसने खुद को संचार विभाग का अधिकारी बताया। फोन करने वाले ने इससे कहा कि इसके मोबाइल नंबर का प्रयोग अवैध कामों में हुआ है, जिसके लिए इसके खिलाफ पुलिस थाना कोलाबा मुंबई में केस दर्ज किया गया है। इसके बाद उसने किसी पुलिस अधिकारी को कॉल ट्रांसफर कर दी। पुलिस अधिकारी द्वारा बताया गया कि इसका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग में प्रयोग हुआ है और इसके खिलाफ वारंट भी जारी किया हुआ है। 16 मई को फिर उन्होंने व्हाट्सएप पर कॉल कनेक्ट की और कहा इसको वीडियो कॉल के माध्यम से अदालत में पेश किया जा रहा और वीडियो कॉल पर एक जज (फर्जी जज) से मीटिंग करवाई और इसके खिलाफ वारंट दिखाकर इसको डराते हुए इससे रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर थाना साइबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में सबन्धित धाराओं के तहत अभियोग अंकित किया गया। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने महिला सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। तीनों की पहचान दिल्ली के रहने वाले रामचरण (RMP डॉक्टर), लखनऊ निवासी अभिषेक (प्रॉपर्टी डीलर) व गोरखपुर निवासी शिप्रा जायसवाल के रूप में हुई। पुलिस ने रामचरण को 27 जून को काबू किया था जिसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई जिसके बाद कल लखनऊ से अभिषेक और शिप्रा जायसवाल को काबू किया गया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि रामचरण दिल्ली में ही एक क्लीनिक चलाता है। उन्होंने ठगी की रकम में से 2 लाख रुपए राजीव झा के बैंक खाते में ट्रांसफर किए थे। यह बैंक खाता उसने गणेश को 50 हजार रुपए में बेचा था। रामचरण ने यह बैंक खाता मनीष से 58 हजार रुपए में खरीदा था जबकि मनीष को यह खाता उपलब्ध कराने के लिए 32 हजार रुपए कमीशन मिला था। रामचरण ने यह बैंक खाता अभिषेक को 20 हजार रुपए कमीशन के लिए बेचा था। अभिषेक ने इस खाते को शिप्रा जायसवाल को 15 हजार रुपए कमीशन के लिए दिया था। शिप्रा ने भी यह खाता आगे किसी अन्य व्यक्ति को 30 हजार रुपए कमीशन के लिए दे दिया था। इस मामले में अब तक पुलिस 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।