Edited By Yakeen Kumar, Updated: 03 Sep, 2025 08:16 PM

पहाड़ों की गोद से निकलकर मैदानों की ओर बढ़ती एक नदी, जिसने सदियों से सभ्यताओं को पानी, उपजाऊ मिट्टी और जीवन दिया है।
हरियाणा डेस्क : हरियाणा में बहने वाली सबसे बड़ी या लंबी नदी यमुना नदी है। यह नदी उत्तराखंड के यमुनोत्री हिमनद से निकलती है और हिमाचल प्रदेश की सीमाओं को छूते हुए हरियाणा में प्रवेश करती है। इसके बाद यह हरियाणा की पूर्वी सीमा के साथ बहते हुए दिल्ली और उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ती है। अंततः प्रयागराज में गंगा नदी में मिल जाती है। यमुना का हरियाणा में लगभग 21,265 वर्ग किलोमीटर का जलग्रह क्षेत्र है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का करीब 6.5 प्रतिशत है। पानी की आपूर्ति, सिंचाई और पेयजल के लिहाज से यह हरियाणा के लिए सबसे महत्वपूर्ण नदी है।
यमुना का विस्तार
यमुना हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद जैसे जिलों से होकर बहती है। इन क्षेत्रों में यह नदी न केवल कृषि के लिए जीवनरेखा है बल्कि औद्योगिक और शहरी जलापूर्ति का भी प्रमुख स्रोत है। विशेषकर हठीकुंड बैराज (यमुनानगर) से निकलने वाली नहरें राज्य के बड़े हिस्से को सिंचाई जल प्रदान करती हैं।
बारिश के कारण हालात
सितंबर 2025 में मानसून के दौरान भारी वर्षा ने यमुना के जलस्तर को काफी बढ़ा दिया। हठीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी कभी-कभी 3.25–3.30 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया, जबकि चेतावनी स्तर लगभग 2.5 लाख क्यूसेक माना जाता है। इस कारण कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। अंबाला, यमुनानगर, करनाल और कैथल और अन्य जिलों के सैकड़ों गाँव जलमग्न हो गए। खेतों में खड़ी धान और गन्ने की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं।
ये जिले हुए हैं सबसे ज्यादा प्रभावित
यमुनोत्री से निकलने वाली यह नदी लगभग 320 किलोमीटर का सफर हरियाणा में तय करती है और रास्ते में 6 जिलों, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल को अपनी चपेट में ले रही है। इन जिलों को यमुना ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। इन जिलों के गांव-शहरों में पानी भर हुआ है। कई स्थानों पर सड़कें और पुल टूटने से यातायात बाधित हुआ और ग्रामीण इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
यमुना के अस्तित्व को खतरा
इन दिनों बारिश से बने बाढ़ संकट के साथ-साथ यमुना नदी प्रदूषण की समस्या से भी जूझ रही है। वहीं गुड़गांव का बैडशापुर नाला और अन्य शहरी नालियाँ बिना शोधन के गंदा पानी यमुना में छोड़ रही हैं। हालाँकि हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार के प्रयासों के बावजूद इसे साफ रखना एक बड़ी चुनौती है। फिलहाल यमुना नदी सबसे प्रदूषित नदियों में से एक है।
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