Edited By Isha, Updated: 18 Dec, 2025 12:28 PM

हरियाणा में डंकी रूट के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार अब अलर्ट मोड में आ गई है। ऐसे मामलों की सुनवाई को लेकर सरकार ने बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। प्रदेश के सभी जिलों में अतिरिक्त उपायुक्त
डेस्क: हरियाणा में डंकी रूट के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार अब अलर्ट मोड में आ गई है। ऐसे मामलों की सुनवाई को लेकर सरकार ने बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। प्रदेश के सभी जिलों में अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) को इन मामलों की सुनवाई के लिए लोकपाल के रूप में नामित किया गया है। हालांकि, इस फैसले को लागू करने में सरकार को करीब 8 महीने की देरी हुई है।
दरअसल, हरियाणा सरकार ने हरियाणा ट्रैवल एजेंट रजिस्ट्रेशन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 को करीब 8 महीने पहले नोटिफाई किया था। हाल ही में अमेरिका से सैकड़ों युवाओं को डिपोर्ट किए जाने के बाद यह मुद्दा फिर चर्चा में आया है। ये युवक लाखों रुपये खर्च कर गलत और अवैध तरीके से ‘डंकी रूट’ के जरिए अमेरिका पहुंचे थे, जिसके बाद सरकार पर दबाव बढ़ा।
इस अधिनियम को सरकार ने 9 अप्रैल 2025 को नोटिफाई किया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि एक्ट से जुड़े आवश्यक नियम अब तक नोटिफाई नहीं किए गए हैं। नियमों के अभाव में कानून का प्रभावी क्रियान्वयन अब तक नहीं हो पाया, जिस पर सवाल भी उठ रहे हैं।
प्रदेश के गृह विभाग ने 11 दिसंबर को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक, अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) को पीड़ित लोगों की शिकायतों की सुनवाई के लिए लोकपाल नियुक्त किया गया है। वहीं, उपायुक्त (DC) को अपने-अपने जिलों में ट्रैवल एजेंटों के पंजीकरण का अधिकार दिया गया है। यानी अब जिले स्तर पर ही ट्रैवल एजेंटों पर निगरानी रखी जाएगी।
कानून की धारा 15 के तहत यदि किसी ट्रैवल एजेंट की लापरवाही या धोखाधड़ी से कोई व्यक्ति प्रभावित होता है, तो वह लोकपाल के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है। लोकपाल शिकायत की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करेगा और जरूरत पड़ने पर मामले को संबंधित पुलिस प्राधिकरण को भी भेज सकता है।