Edited By Isha, Updated: 10 Dec, 2025 01:16 PM

राज्य में धमकी मिलने के बाद सिक्योरिटी को लेकर एक पॉलिसी बनाई जाएगी। इसके अनुसार धमकी भरे कॉल की शिकायत करने वालों को सिक्योरिटी नहीं दी जाएगी। सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी एसपी और
चंडीगढ़: राज्य में धमकी मिलने के बाद सिक्योरिटी को लेकर एक पॉलिसी बनाई जाएगी। इसके अनुसार धमकी भरे कॉल की शिकायत करने वालों को सिक्योरिटी नहीं दी जाएगी। सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी एसपी और एसएचओ की होगी।
सिक्योरिटी को लेकर पूरे मामले की कार्यवाहक डीजीपी ओपी सिंह खुद समीक्षा करेंगे। उन तक मामला पहुंचा है कि अनेक लोगों को कोई खतरा नहीं है, लेकिन कई माह से सिक्योरिटी ली हुई है। राज्य में करीब एक हजार पुलिस कर्मी ऐसे लोगों की सिक्योरिटी में लगे हुए हैं। डीजीपी सिंह का कहना है कि फिरौती के कॉल इसलिए आते हैं, क्योंकि वे
बंदूकधारियों के साथ घूमते हैं। यदि खतरा है तो चुप रहना चाहिए। लेकिन वे घूमते हैं। रील बनाते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि उनमें तीन-चार कॉल नकली होते हैं। उन्हें कोई खतरा नहीं होता। लेकिन हम सभी कॉल को गंभीरता से लेते हैं। हम इसकी समीक्षा भी कर रहे हैं।
दिल्ली में पहले बहुत सारे कॉल आते थे, किसी को भी बंदूकधारी नहीं दिए जा रहे हैं। हम भी इसे अपनाएंगे। हमारा तरीका आसान है। अगर ऐसे कॉल आते हैं तो एसपी के पास 700-800 जवान होते हैं। यह किसी भी तरह अपराधियों की संख्या से ज्यादा है। हम एक पॉलिसी ला रहे हैं, धमकी भरे कॉल के मामलों में पर्सनल सिक्योरिटी नहीं दी जाएगी। जिम्मेदारी एसपी व एसएचओ की होगी।