Edited By Isha, Updated: 11 Dec, 2025 11:49 AM

हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कम लिंगानुपात वाले क्षेत्र के डॉक्टर के विदेश दौरे के आवेदन को रद्द कर दिया था। साथ ही हाई कोर्ट ने कम लिंगानुपात वाले एरिया के पीएचसी डॉक्टर के निलंबन पर भी स्टे जारी कर दिया। विभाग को...
चंडीगढ़: हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कम लिंगानुपात वाले क्षेत्र के डॉक्टर के विदेश दौरे के आवेदन को रद्द कर दिया था। साथ ही हाई कोर्ट ने कम लिंगानुपात वाले एरिया के पीएचसी डॉक्टर के निलंबन पर भी स्टे जारी कर दिया। विभाग को कोर्ट ने तलब कर लिया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जुलाई माह में फैसला लिया गया था कि कम लिंगानुपात वाले एरिया के स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। इसलिए जो भी डॉक्टर विदेश दौरे पर जाना चाहता है तो फैसला लेने से पहले उसके एरिया के लिंगानुपात की जांच की जाए। यदि लिंगानुपात कम है तो विदेश दौरे के आवेदन को रद्द कर दिया जाए। साथ ही विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा था कि केवल लिंगानुपात की बढ़ती दर वाले चिकित्सा संस्थानों में नियुक्त अधिकारियों की ही विदेश यात्रा से संबंधित मामले सरकार को भेजे जाएं। वहीं, कम लिंगानुपात होने पर स्वास्थ्य विभाग ने पिछले महीने सिरसा और सोनीपत के दो डॉक्टरों को निलंबित करने के आदेश जारी किए थे।
इस पर एचसीएमएस एसोसिएशन ने सिरसा के डॉक्टर तरुण सिंगला के पक्ष में याचिका हाई कोर्ट में दाखिल की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जज ने स्टे ऑर्डर जारी कर दिया है। साथ ही सरकार को भी तलब किया है। सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बाल्यान ने नोटिस रिसीव कर लिया है। डॉ. तरुण सिंगला ने बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद उन्होंने ज्वाइन भी कर लिया है। अब 22 अप्रैल 2026 को आगामी सुनवाई होगी।