Edited By Manisha rana, Updated: 03 Aug, 2025 03:17 PM

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस और सामाजिक सुधारक सुनील जागलान, जो अपनी ‘गाली बंद घर अभियान’ के लिए विख्यात हैं।
चंडीगढ़ : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस और सामाजिक सुधारक सुनील जागलान, जो अपनी ‘गाली बंद घर अभियान’ के लिए विख्यात हैं। उन्होंने इस बार रक्षाबंधन को एक सार्थक संदेश के साथ मनाने के लिए एक विशेष पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत जागलान ने देशभर की लडकियों को पहले फेज में 3,000 से अधिक पोस्टकार्ड भेजे हैं, जिसमें बहनों से आग्रह किया गया है कि वे इस रक्षाबंधन पर अपने भाइयों से एक अनोखा वचन लें – दैनिक जीवन में मॉं-बहन-बेटी को गाली-गलौज और अपमानजनक भाषा का उपयोग न करने का संकल्प।
इस अभियान का नाम है ‘रक्षाबंधन की डोर, गाली बंधन की ओर’। सुनील जागलान ने कहा, “रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के प्यार का उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक-दूसरे की रक्षा का वचन भी है। इस बार हम इसमें एक नया आयाम जोड़ रहे हैं – भाषा और सम्मान की रक्षा।” उन्होंने बहनों से अपील की है कि वे राखी के पवित्र धागे को सम्मानजनक भाषा का प्रतीक बनाएं और अपने भाइयों को इस संकल्प के लिए प्रेरित करें। इस संदेश को और व्यापक बनाने के लिए जागलान ने महिलाओं को निमंत्रण दिया है कि वे अपने भाइयों को राखी बांधते समय और उनके इस वचन को लेते समय वीडियो बनाएं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए जाएंगे, और चुनिंदा प्रतिभागियों को आगामी समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

जागलान ने बताया कि उनकी ‘गाली बंद घर अभियान’ के तहत 11 वर्षों की गहन सर्वेक्षण के नतीजे हाल ही में जारी किए गए हैं। इस सर्वेक्षण में देशभर के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 70,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया, जिसमें छात्र, अभिभावक, शिक्षक, डॉक्टर, पुलिसकर्मी, वकील और अन्य पेशेवर शामिल थे। सर्वे के अनुसार, भारत में लगभग 55% पुरुष और महिलाएं अपनी रोजमर्रा की बातचीत में अपशब्दों का उपयोग करते हैं। दिल्ली में यह आंकड़ा सबसे अधिक 80% है, इसके बाद पंजाब, जबकि कश्मीर में सबसे कम 15% दर्ज किया गया। सर्वे में उत्तर प्रदेश में 11,300, मध्य प्रदेश में 8,400, राजस्थान में 6,100, पंजाब में 4,200, महाराष्ट्र में 3,800 और दिल्ली, गुजरात, बिहार, कश्मीर, उत्तराखंड, गोवा और पश्चिम बंगाल में अन्य मामले सामने आए।
जागलान ने जोर देकर कहा कि 'अपशब्दों का उपयोग एक सामाजिक बुराई है। जैसे भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन लेते हैं, वैसे ही उन्हें एक दयालु और सम्मानजनक समाज बनाने का संकल्प लेना चाहिए। यह अभियान हर घर से भाषा और व्यवहार में संवेदनशीलता लाने की दिशा में एक कदम है। 'आगे की योजना के बारे में बताते हुए जागलान ने कहा कि हम जल्द ही दक्षिण एशिया में इसी तरह के सर्वेक्षण आयोजित करने और विश्व स्तर पर महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली अपमानजनक भाषा को समाप्त करने की दिशा में काम करने की योजना बना रहे हैं। अपशब्दों का उपयोग एक मानसिक बीमारी है, और कई शब्द सीधे तौर पर महिलाओं की गरिमा को चोट पहुंचाते हैं।
यह अभियान न केवल रक्षाबंधन के पर्व को एक नया अर्थ दे रहा है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की एक मजबूत नींव भी रख रहा है। आइए, इस रक्षाबंधन पर हम सभी सम्मानजनक भाषा के लिए संकल्प लें और एक बेहतर समाज की ओर कदम बढ़ाएं। सुनील जागालान द्वारा काफ़ी क्षेत्रों में गाली बंद अभियान चलाया जा रहा है जिसकी तारीफ़ में ब्रिटेन के द गार्जियन ने भी की और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉय बिडेन द्वारा एक पत्रकार को गाली देने पर अन्तर्राष्ट्रीय मैगज़ीन कॉस्मोपॉलेटिन ने लिखा कि भारत के एक गॉंव का सरपंच सुनील जागलान महिला संबंधी गाली को रोकने के प्रयास में अभियान चला रहा है वहीं व्हाइट हाऊस में रहने वाला राष्ट्रपति मॉं की गाली दे रहा है । यह नसीहत के तौर पर लिखा गया तथा इस खबर ने अन्तर्राष्ट्रीय सुर्ख़ियाँ बटोरीं।
ग़ौरतलब है कि सुनील जागलान पिछले एक दशक से ज़्यादा समय से महिला सशक्तिकरण व ग्रामीण विकास के विषय पर कार्य कर रहे हैं जिसका असर देखने को मिल रहा है तथा देश के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति के अलाव अन्तर्राष्ट्रीय मानक ऐंजसीयों ने भी सुनील जागालान के अभियान को असरदार बताते हुए तारीफ़ की है ।
सुनील जागलान ने बेटी बचाओ से लेकर सेल्फ़ी विद डॉटर, बेटियों के नाम नेमप्लेट, पीरियड चार्ट, लडकियों की शादी की उम्र 21 करने लिए अभियान, एक पेड़ लाडो के नाम, सेल्फी अंगेस्ट डॉवरी, विमेन हैप्पीनैस चार्ट, लाडो पंचायत जैसे सैकड़ों अभियान शुरू किए हैं जो देश विदेशों में प्रशंसा पा चुके हैं ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी इनके अभियानों की दस बार तारीफ कर चुके हैं।