Exclusive: '...तो ऐसे स्टेज 2 से स्टेज 3 में जाने से रूक जाएगी कोरोना वायरस की महामारी'

Edited By Shivam, Updated: 01 Apr, 2020 06:13 PM

लोग जागरूक हों और लॉकडाउन का पूरी जिम्मेदारी से पालन करेंगे, तो भारत मे कोरोना वायरस की महामारी को दूसरी स्टेज से तीसरी स्टेज तक पहुंचने से पहले ही रोका जा सकता है। यह बात देश के जाने माने डॉक्टर व पीजीआई चंडीगढ़ के इंडोकरनोलॉजी विभाग के एचओडी...

चंडीगढ़ (धरणी): लोग जागरूक हों और लॉकडाउन का पूरी जिम्मेदारी से पालन करेंगे, तो भारत मे कोरोना वायरस की महामारी को दूसरी स्टेज से तीसरी स्टेज तक पहुंचने से पहले ही रोका जा सकता है। यह बात देश के जाने माने डॉक्टर व पीजीआई चंडीगढ़ के इंडोकरनोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर अनिल भंसाली ने कही। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधान मंत्री ने कोरोना बीमारी से लडऩे के लिए बहुत उचित समय पर देश हित में सही कदम उठाए हैं। बाहरी देशों में लॉकडाउन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई, जिसके परिणाम हमारे सामने हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में उच्चतर स्तर पर होने के बावजूद भी ईरान, अमेरिका में कोरोना से मरने वाले लोगां का आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है।

डॉक्टर अनिल भंसाली ने पंजाब केसरी से बातचीत में बताया कि मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्ति अगर इंसुलिन या अपनी दवाई समय पर लें, घर रह कर व्यायाम करें तो उन्हें कोरोना से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। शुगर के मरीजों को कोरोना से सावधान रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी फ्लू होते ही शुगर मरीज अस्पताल पहुंचें।

प्रश्न- अभी भारत में स्टेज 2 में कोरोना है, विपरीत परिस्थियों से निपटने के लिए क्या हमारी स्वास्थ्य सेवाएं सक्षम हैं?
उत्तर- हम अमेरिका से तुलना करें या यूरोपियन देशों से तुलना करें तो हमारी स्वास्थ्य सेवाएं उनकी तुलना में भले ही न हों ,परन्तु हमें लगता है कि 21 दिनों का लॉकडाउन सही समय पर कर सरकार ने जो पहल की है वह स्टेज 2 से स्टेज 3 में कोरोना को जाने से रोकने में सक्षम होगा। लोग जितना घरों से कम निकलेंगें उतनी ही कोरोना के फैलने की संभावना कम होगी।

प्रश्र- मधुमेह रोगी बहुत जल्दी कोरोना से ग्रस्त हो सकते हैं ,ऐसी प्रचलित बातों में कितनी सत्यता है?
उत्तर- ऐसा बिलकुल नहीं है, मधुमेह पीड़ितों व बिना मधुमेह पीड़ितों दोनों में ही कोरोना फैलने की संभावनाएं बराबर हैं। यह सत्य है कि अगर मधुमेह रोगी को कोरोना हुआ तो उसकी तीव्रता बढऩे की संभावना बहुत ज्यादा है। वह बहुत खतरनाक हो सकता है। मधुमेह में शुगर जब भी अनियंत्रित हो तो आपकी इम्युनिटी सिस्टम काम नहीं करता व कमजोर होने के कारण किसी भी इंफेक्शन, किसी भी वायरस से लडऩे की ताकत कम हो जाती है। 

प्रश्न- साधारण फ्लू व कोरोना में क्या अंतर है, सरल भाषा में लोगों को समझने के लिए?
उत्तर- कोरोना में तीन लक्षण प्रमुख हैं, 
    पहला- तेज बुखार जो 101-102 से कम नहीं होता, साधारण फ्लू में बुखार 99-100 तक रहता है।
    दूसरा- सुखी खांसी-कोरोना के लक्षणों में मानी जाती है, नाक से पानी बहना। 
    तीसरा- सांस में दिक्कत आना- कोरोना मरीजों को दो तीन दिनों बाद सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण माने जा रहे हैं। वहीं सामान्य फ्लू में सांस लेने में तकलीफ आने की संभावना बहुत कम होती है।

प्रश्न- सामन्यत: मौसम बदलने पर लोगों को जुकाम, गला खराब होने की दिक्कत का कोरोना से संबंध?
उत्तर- ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कोरोना महामारी फैली हुई है, तो लोगों को साधारण फ्लू नहीं हो सकते। लेकिन साधारण फ्लू होने पर भी जांच जरूरी है। मधुमेह रोगियों को इसमें सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। ध्यान रखें कि यदि किसी विदेश से आए व्यक्ति या कोरोना पीड़ित से कोई संपर्क हुआ है तो मधुमेह रोगियों को कोरोना का प्रभाव बहुत तीव्रता से पड़ेगा।

प्रश्न- कोरोना से बचाव के लिए सभी के लिए मूल मंत्र क्या है?
उत्तर- लॉकडाउन की पालना करना ही एक मात्र इसका उपाय है। बाहर निकलने की स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें। बाहर से आने पर साबुन से 20 सेकेंड तक हाथ धोएं। भारत में इस माहमारी को फैलने से रोकना है तो कहीं भी समूह बना एकत्रित न हों। हमारी सरकार ने जो लॉकडाउन डाउन किया वही सशक्त उपाय है।

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