Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Jan, 2018 05:14 PM
हत्या के मामले में विवादित संत रामपाल को सुरक्षा कारणों के चलते अदालत में पेश न करने की बजाय हिसार जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से उनकी सुनवाई हुई। रोहतक अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 फरवरी की तारीख दी। रामपाल को रोहतक अदालत...
रोहतक(दीपक भारद्वाज): हत्या के मामले में विवादित संत रामपाल को सुरक्षा कारणों के चलते अदालत में पेश न करने की बजाय हिसार जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से उनकी सुनवाई हुई। रोहतक अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 22 फरवरी की तारीख दी। रामपाल को रोहतक अदालत ने स्वयं पेश होने के आदेश दिए थे। जिसके चलते देर रात से ही भारी संख्या में अनुयायियों ने डेरा डालना शुरू कर दिया था। इस कारण भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। रोहतक अदालत के चारों और बेरिकेट लगा कर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। रामपाल के ना आने से प्रशासन ने तो राहत की सांस ली, लेकिन अनुयायियों को मायूस लौटना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि, 2006 में रोहतक के करोंथा स्थित सतलोक आश्रम में रामपाल के अनुयायियों व आर्य समाजियों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। जिसमें सोनू नामक एक युवक की मौत हुई थी। जिसका आरोप रामपाल पर लगा हुआ है। जिसकी सुनावाई के लिए आज रोहतक अदालत में तिथि निर्धारित थी। अदालत ने रामपाल का स्वयं पेश के आदेश भी दिए थे। जिसके चलते देर रात से ही रामपाल के अनुयायियों ने रोहतक में डेरा डालना शुरू कर दिया था।
सुबह तक हजारों की संख्या में अनुयायी शहर की अलग-अलग जगहों पर एकत्रित हो गए। इस स्थिति को देखते हुए शहर व कोर्ट परिसर के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। अंतिम समय में सुरक्षा कारणों के चलते रामपाल की हिसार से विडियो कॉन्फे्रसिंग के जरीए सुनवाई की गई और अगली सुनावाई के लिए 22 फरवरी तारीख निर्धारित की गई है। रामपाल बरवाला आश्रम हिंसा मामले में हिसार जेल में बंद हैं।
हजारों की संख्या में अनुयायी रामपाल के दर्शन करने पहुंचे थे, जिसमें हिमाचल, हरियाणा व मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों के अनुयायी इसमें शामिल थे। जिन्होंने रामपाल के समर्थन में नारे लगाए और झूठे केस वापस लेने की मांग की। अनुयायियों का कहना है कि वे सिर्फ अपने संत के दर्शन करने आए हैं, लेकिन प्रशासन कभी उन्हें ऐसा नहीं करने देता। आज उनके भगवान यहां नहीं आ पाए जिससे उन्हें मायूसी हुई है। लेकिन जहां भी सुनवाई होगी, वे दर्शन करने जरूर जाएंगे।