Edited By Shivam, Updated: 17 Sep, 2019 06:08 PM
जिले के हालुवास गेट से गुजरने वाले एनएच 709-ई मार्ग पिछले करीब डेढ़ माह से खस्ताहाल स्थिति है। इस मार्ग पर गहरे-गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिसके चलते राहगीरों को परेशानियों का सामना तो करना पड़ता है, साथ ही दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बना रहता है। सबसे...
भिवानी (अशोक): जिले के हालुवास गेट से गुजरने वाले एनएच 709-ई मार्ग पिछले करीब डेढ़ माह से खस्ताहाल स्थिति है। इस मार्ग पर गहरे-गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिसके चलते राहगीरों को परेशानियों का सामना तो करना पड़ता है, साथ ही दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बना रहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत तो रात के समय सफर करने वाले वाहन चालकों को होती है, जब रात के अंधेरे में वाहन चालक इस मार्ग पर बने गड्ढे को देखने में समर्थ नहीं होते और किसी न किसी दुर्घटना का शिकार बन जाते है।
विभाग के अधिकारी भी इस मार्ग का स्थाई समाधान करने की बजाए सिर्फ लीपापोती में ही विश्वास रखते हैं। सिर्फ मिट्टी डालकर इन गड्ढों के भरे जाने दिलासा देकर निकल बनते हैं।
गौरतलब है कि भिवानी के हालुवास गेट से गुजरने वाला यह एनएच मार्ग दिल्ली, पिलानी, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, चंडीगढ़ सहित विभन्न स्थानों से होकर गुजरता है। कुछ दिन पूर्व जब जब मुख्यमंत्री की जनआर्शीवाद यात्रा का भिवानी में आगमन हुआ था तब भी राष्ट्रीय युवा पुरस्कार अवॉर्डी ने विभाग के अधिकारियों से इस मार्ग को दुरूस्त किए जाने की मांग की थी, ताकि विभाग के अधिकारी आम नागरिकों की बजाए मुख्यमंत्री का तो खयाल रखें।
जब रातों रात विभाग ने यहां इस मार्ग पर 70 फुट की लंबाई व चौड़ाई वाले गड्ढे को मलबे से भर दिया, लेकिन जांच भी नहीं की गई कि सडक़ और जमीन के बीच जो 70 फुट के क्षेत्र में सुरंग बनी, वह किस कारण बनी। सड़क सुरक्षा अभियान के तहत राष्ट्रीय युवा पुरस्कार अवॉर्डी अशोक भारद्वाज ने विभाग को तर्क दिया था कि इस एनएच मार्ग पर यह ओवरब्रिज की सीधी टक्कर में है। ऊपर से वाहन स्पीड में आता है और इसे देखकर अचानक संतुलन खो बैठता है, जिस कारण हादसे भी होते हैं।
इस बारे में वाहन चालकों ने बताया कि इस मार्ग पर बने गड्ढे हादसों को न्यौता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन की आंखें तब खुलेगी, जब गड्ढों के कारण कोई व्यक्ति किसी हादसे का शिकार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह समस्या और विकराल रूप लेगी, जिसकी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी।