शहर में बदला नशे का चलन, अब पीने वाले अपना खर्च निकालने के लिए बेच रहे सूखा नशा

Edited By Isha, Updated: 18 Feb, 2020 02:44 PM

revenge of drug addiction in the city now the drinkers are selling

नशा अब बिक नहीं रहा, बल्कि जो लोग पी रहे हैं वो अपने खर्च को निकालने के लिए अपने लिए लाए गए नशे से ही अपना खर्च निकाल रहे हैं। अब ट्विन सिटी में नशे का चलन बदला है। जो नशे....

यमुनानगर (सतीश) : नशा अब बिक नहीं रहा, बल्कि जो लोग पी रहे हैं वो अपने खर्च को निकालने के लिए अपने लिए लाए गए नशे से ही अपना खर्च निकाल रहे हैं। अब ट्विन सिटी में नशे का चलन बदला है। जो नशे का आदी हैं वो 6 बिट ले आया, उसमें से 4 पी ली और 2 बेच दी। जब ये 2 बेच देता है तो इनसे 2 अन्य और बिट खरीद लेता है। चाहे कुछ भी हो नशा किसी न किसी तौर पर नाश कर रहा है। 

जिम्मेदार यह कहकर बच रहे हैं कि जितनी मात्रा उन्हें चाहिए उतनी नहीं मिल रही। यदि इतनी मात्रा पकड़ भी लें तो आगे जाकर अपराधी को जमानत मिल जाती है और वह फिर इस अपराध को नियमित करता है, क्योंकि उसे पता है कि आगे जाकर उसे जमानत मिल ही जाएगी, वहीं दूसरी दिक्कत यह भी है कि नशेडिय़ों के साथ कुछ अन्य लोग भी सामने आने लगे हैं। यह लोग किसी गर्म कपड़े से खुद को लपेट लेते हैं। जब एक स्मैकिया इसका नशा करता है तो बाकी उसके साथ बैठे 4-5 लोग उस धुएं से ही नशा कर लेते हैं। अब यदि जिम्मेदार इन्हें पकड़ भी लें तो इन पर कोई कार्रवाई नहीं बनती। 

कम मात्रा पर है जमानत का प्रावधान
यदि स्टाफ, चौकी, थाना या अन्य एजैंसी नशेड़ी को पकड़ लें और उसके कब्जे से 5 ग्राम से नीचे स्मैक मिले तो उसे अक्सर जमानत मिल जाती है। 5 ग्राम से ऊपर की स्मैक को ही सप्लायर के तौर पर देखा जाता है। इससे कम मात्रा तो पीने में आती है। अब यही पेंच है कि नशेड़ी 5 ग्राम से कम मात्रा ही रखते हैं और ये मात्रा भी ऐसे स्थान पर रखते हैं जहां पता नहीं लगता। कई बार तो ऐसा होता है कि यदि आरोपी को काबू भी किया जाए तो इतनी मात्रा तो गिर जाती है या फिर उड़ जाती है। कई बार तो तोलने में भी सही वजन नहीं आता। 

बहुत महंगा है सूखा नशा
सूखे नशे में स्मैक, चरस, गांजा शामिल हैं। यह बहुत ही महंगा है। यदि स्मैक की बात करें तो अन्य राज्यों से यह प्रति ग्राम 6 हजार रुपए से कम नहीं मिलती। इस ग्राम को लेने के बाद इसकी बिट बनाई जाती है जो पीने और बेचने के काम आती है। यदि स्थानीय स्तर की बात करें तो यहां पर यू.पी., हिमाचल और राजस्थान से सप्लाई हो सकती है। इसमें अन्य राज्यों के जिम्मेदारों का भी सहयोग चाहिए। यदि वहां सूखा नशा बंद हो जाए तो यहां कैसे आएगा। 

ये भी जान ले, चौंक जाएंगे
नशा युवाओं पर इस कदर हावी है कि एक 22 साल के युवक ने अपने पिता की लाठी मारकर बाजू तोड़ दी। इसके बाद युवक ने अपने पिता की जेब से पैसे निकाले और नशा लेने के लिए निकल गया। इसी तरह एक निजी डाक्टर के पास 11 साल का बच्चा आया, जिसने कहा कि वह पिछले 4 साल से शराब पी रहा है और अब वह छोडऩा चाहता है। इस पर डाक्टर ने उसकी मदद की। डाक्टर का कहना है कि बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्चों की संगत पर नजर रखें। यदि उसके स्वभाव में फर्क आ रहा है तो सतर्क हो जाएं। इसके अलावा बहुत से ऐसे परिवार हैं जिनकी नशे के कारण जमीन बिक गई और आज वे फुटपाथ पर हैं। इससे भी बड़ी हैरानी की बात ये है कि अधिकतर मामलों में जो अपराधी पकड़े गए हैं उनका एक ही जवाब होता है कि नशे की लत को पूरा करने के लिए अपराध की दुनिया में आ गए। 
 

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