हरियाणा भाजपा अध्यक्ष पद के प्रबल उम्मीदवार माने जा रहे पंडित संदीप जोशी

Edited By Shivam, Updated: 17 Jun, 2020 02:50 PM

pt sandeep joshi is a strong candidate for bjp haryana president

हरियाणा भाजपा में संगठनात्मक बदलाव का दौर कोरोना काल के कारण थम गया। भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक चुनाव की तैयारियां पिछले साल से ही शुरू हो गई थी, लेकिन कोरोना के संकट काल के कारण इस पर फिलहाल के लिए विराम लग चुका है। भाजपा में नियम है कि पार्टी...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा भाजपा में संगठनात्मक बदलाव का दौर कोरोना काल के कारण थम गया। भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक चुनाव की तैयारियां पिछले साल से ही शुरू हो गई थी, लेकिन कोरोना के संकट काल के कारण इस पर फिलहाल के लिए विराम लग चुका है। भाजपा में नियम है कि पार्टी का अध्यक्ष 6 साल से अधिक अपने पद पर नहीं रह सकता, जिसके चलते वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला का भी कार्यकाल पूरा हो चुका है। संगठन में अब नए अध्यक्ष का पदासीन करने का वक्त है।

पंडित संदीप जोशी प्रबल उम्मीदवार
पंडित संदीप जोशी को हरियाणा भाजपा अध्यक्ष पद के लिए प्रबल उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे रमेश जोशी (1993-1998) के बेटे संदीप जोशी मूलरूप से चरखी दादरी के रहने वाले हैं। उन्होंने बीए, एलएलबी तक शिक्षा हासिल की है और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे  हैं, साथ ही प्रदेश सचिव का दायित्व भी निभा चुके हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी को पिछले साल जुलाई महीने में ही हरियाणा हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था।



भाजपा ने 6 माह पहले आपसी मंथन के बाद आंतरिक बैठक में निर्णय लिया था कि भाजपा में पराजित किसी मंत्री या विधायक को अध्यक्ष न बनाया जाए। क्योंकि हारे हुए मंत्रियों में राम विलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़ व विधायकों के अंदर सुभाष बराला भी इसी रेस में है। अगर यह फार्मूला चला तो इन सबके अध्यक्ष बनने के इरादे नेस्तानाबूत हो जाएंगे। इसी लिए दूसरे नामों में नायाब सैनी सांसद, संजय भाटिया, संदीप जोशी के नाम चर्चा में आने लगे।



सुभाष बराला आस अभी बाकी है
पार्टी दिल्ली के बाद अब हरियाणा के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का फैसला करने वाली है। राजनीति में रुचिकर लोग मानकर चल रहे हैं कि हरियाणा के अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले से यह तय हो जाएगा भाजपा में ऊपर क्या होने जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि हरियाणा में संगठन में उपरोक्त फेरबदल के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा। इसके बावजूद भी सुभाष बराला के लिए आस बाकी है क्योंकि सुभाष बराला मुख्यमंत्री मनोहर के चहेते हैं, ऐसे में भरपूर संभावना है कि सुभाष बराला को दोबारा मौका मिल जाए।

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