75 पार के लिए भाजपा की अन्य दलों में सेंंधमारी

Edited By kamal, Updated: 11 Jun, 2019 07:57 AM

penmans in other parties of bjp for 75 crosses

भाजपा के राष्ट्र्रीय अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भाजपा के प्रदेश नेताओं को 75 से अधिक विधानसभा सीटें...

फरीदाबाद(महावीर): भाजपा के राष्ट्र्रीय अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भाजपा के प्रदेश नेताओं को 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य दिए जाने के बाद भाजपा हर सीट पर बारीकी से आंकलन कर रही है। भाजपा के पास अन्य दलों से आने वाले नेताओं की लंबी सूचि है। इतना ही नहीं अनेक राजनीतिक दलों के नेता भाजपा में टिकट की शर्त पर शामिल होने के लिए विभिन्न नेताओं के माध्यम से प्रयास कर रहे हैं।

उधर, भाजपा पिक एंड चूज की नीति अपनाते हुए उन्हीं नेताओं पर हाथ रख रही है जो विधानसभा में सीट निकालने में सक्षम हों। भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेता यह जानते हैं कि बेशक, लोकसभा चुनावों में 10 सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया हो लेकिन विधानसभा चुनावों में अनेक ऐसी सीटें हैं जहां पर किसी न किसी रूप में अन्य दलों के नेताओं का प्रभाव है। भाजपा यह भी अ‘छी तरह जानती है कि विधानसभा चुनावों में मतदाता स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान करेगा।

इसलिए भाजपा 90 की 90 सीटों पर विशेष रणनीति के तहत उम्मीदवारों का चयन कर चुनाव मैदान में कूदना चाहती है। इसके लिए एक विशेष रणनीति के तहत भाजपा अन्य दलों में सेंधमारी कर जिताऊ नेताओं, विधायकों व पूर्व विधायकों को पार्टी में लाने के लिए प्रयासरत है ताकि 75 पार के आंकड़े पर बिना व्यवधान के पहुंचा जा सके। विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा कितनी बारीकी से काम कर रही है इसका अनुमान हाल ही में होडल से शामिल हुए पूर्व मंत्री को देखकर लगाया जा सकता है।

भाजपा के पास उसी क्षेत्र के एक और भी बड़े कद के नेता का भाजपा में शामिल होने के लिए आग्रह आया था लेकिन भाजपा ने इस पूर्व मंत्री को ही अपनी पसंद बनाया है। दरअसल, इस पूर्व मंत्री का उस क्षेत्र में प्रभाव काफी अधिक है और अन्य नेताओं के मुकाबले वे भाजपा के लिए मजबूत प्रत्याशी साबित हो सकते हैं। वर्तमान में यह सीट कांग्रेस के पास है इसलिए भाजपा इस पर अपना कब्जा चाहती है। इसी प्रकार बलवान सिंह दौलतपुरिया को भाजपा में शामिल कर भाजपा नेताओं ने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है।

केहर सिंह रावत पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा कई निर्दलीय, इनैेलो व कांग्रेस के मजबूत पूर्व विधायकों को भाजपा में शामिल करने का निर्णय भाजपा ने लंबित रखा हुआ है। भाजपा हर सीट पर नाप-तोल कर ही उम्मीदवार का चयन करना चाहती है। 

भाजपा हरियाणा में 75 से अधिक सीटें जीतने के टारगेट को किसी भी हाल में पूरा करना चाहती है और भाजपा के नेता यह भी जानते हैं कि 75 से अधिक का टारगेट बिना अन्य दलों में सेंधमारी के संभव नहीं है। हालांकि बिखरे हुए विपक्ष के कारण भाजपा के पास विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत प्राप्त करने का यह सुनहरा मौका है लेकिन भाजपा कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है। 

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