हरियाणा में मैरिज रजिस्ट्रेशन हुआ आसान, सरकार ने कई अधिकारियों को दिया अधिकार

Edited By Saurabh Pal, Updated: 12 Jun, 2024 08:59 PM

marriage registration became easier in haryana

हरियाणा सरकार ने मैरिज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में सिटी मजिस्ट्रेट (सीटीएम), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड विकास पंचायत अधिकारी और ग्राम सचिव को मैरिज रजिस्ट्रार के रूप में नामित किया है...

चंडीगढ़ः हरियाणा सरकार ने मैरिज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में सिटी मजिस्ट्रेट (सीटीएम), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड विकास पंचायत अधिकारी और ग्राम सचिव को मैरिज रजिस्ट्रार के रूप में नामित किया है। अब मैरिज रजिस्ट्रेशन का अधिकार इन सभी अधिकारियों के पास होगा। इससे पहले मैरिज रजिस्ट्रेशन का अधिकार सिर्फ तहसीलदार के पास ही था।

वहीं शहरी क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन का अधिकार  संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, सचिव नगर समिति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामित रजिस्ट्रार होंगे। नागरिक अब अपने विवाह को घर के नजदीक उक्त अधिकारियों के माध्यम से सरकारी कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं। मैरिज रजिस्ट्रार की संख्या बढ़ने और घर से कम दूरी के कारण अब विवाह पंजीकरण करवाने वालों के लिए सुविधा के साथ-साथ समय की भी बचत होगी। उक्त जानकारी नागरिक संसाधन सूचना विभाग के प्रवक्ता ने दी। 

प्रवक्ता ने बताया कि  विवाह पंजीकरण पोर्टल https://shaadi.edisha.gov.in पर अब तक 2.45 लाख से अधिक शादियां पंजीकृत की जा चुकी हैं जिसमे दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 की अवधि में  12,416, वर्ष 2021-22 में 56,133, वर्ष 2023-23 में 67,604, वर्ष 2023-24 में 83,331 और अप्रैल 2024 से 10 जून तक 26,419 विवाह का पंजीकरण किया जाना शामिल  है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2020 में सुशासन पहल के तहत विवाह पंजीकरण के लिए पोर्टल लांच किया था।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में एडीसी-सह-डीसीआरआईओएस (अतिरिक्त उपायुक्त-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी) के पास परिवार पहचान पत्र डेटाबेस (पीपीपी-डीबी) में डेटा निर्माण और अपडेट से संबंधित जिम्मेदारियां दी गई हैं। विवाह पोर्टल को परिवार पहचान पत्र डेटा बेस के साथ जोड़ा गया है।

विवाह पंजीकरण के लिए एडीसी सह डीसीआरआईओ पीपीपी-डीबी को जिला रजिस्ट्रार के रूप में भी नामित किया गया है। उक्त अधिकारी को ही प्रथम अपीलकर्ता प्राधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रक्रिया से जिला स्तर पर विवाह पंजीकरण व परिवार पहचान पत्र में तालमेल बन पाएगा, जिससे नागरिक को फैमिली आईडी के साथ-साथ विवाह पंजीकरण संबंधित शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान हो पाएगा।

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