Edited By Yakeen Kumar, Updated: 13 Aug, 2025 05:52 PM

सरपंच पद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुई मोहित को 51 मतों से विजयी घोषित प्रशासन को आदेश की पालन करने के निर्देश जारी किए हैं।
पानीपत : समालखा के बुआना लाखु में सरपंच पद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुई मोहित मलिक को 51 मतों से विजयी घोषित प्रशासन को आदेश की पालन करने के निर्देश जारी किए हैं। मोहित मलिक ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। बता दें कि 2022 में हुए पंचायत चुनाव में सरपंच पद के लिए कुलदीप मलिक और मोहित मलिक के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था।
जानें पूरा मामला
चुनाव में बूथ संख्या-69 पर अधिकारी की गलती के कारण मोहित मलिक को मिले वोट कुलदीप मलिक के खाते में जुड़ गई थी। वोटों की गलत गणना के आधार पर कुलदीप को विजयी घोषित कर दिया गया। वहीं अधिकारी ने कुलदीप को विजय प्रमाण-पत्र भी दे दिया था। मोहित मलिक ने अधिकारियों से आपत्ति जताते हुए दोबारा गिनती करने की बात कही। जब गलती का पता चला तो दोबारा गिनती की और 51 वोटों से मोहित मलिक को विजेता घोषित कर दिया और मोहित को भी प्रमाण-पत्र दे दिया गया।

हाईकोर्ट पहुंचा केस
इस फैसले को मानने को कुलदीप तैयार नहीं हुआ, तो मोहित पानीपत कोर्ट पहुंचे। फिर से वोटों की गिनती का आदेश हुआ तो कुलदीप ने ऊपरी कोर्ट से स्टे ले लिया। इसके बाद मोहित हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट भी दोबारा से वोटों की गिनती का आदेश जारी हुआ। लेकिन यहां भी कुलदीप के हित में हाईकोर्ट ने गिनती पर रोक लगा दी।
तब से कुलदीप कर रहे थे सरपंची
इस उठापटक के बाद आखिरकार मोहित मलिक सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे। 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में वोटों की गिनती की गई। जिसमें मोहित को 1051 और कुलदीप मलिक को 1000 वोट मिलें। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस बारे में कुलदीप मलिक व उनके भाई जगबीर मलिक से बात करने का प्रयास किया, लेकिन दोनों ने फोन नहीं उठाया। पिछले साल से कुलदीप मलिक ही सरपंची कर रहे थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने 51 वोटों से मोहित मलिक को सरपंच घोषित कर दिया।
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