Edited By Yakeen Kumar, Updated: 11 Aug, 2025 05:52 PM

हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में भ्रष्ट पटवारियों की सूची (जिसमें 370 पटवारियों और 170 निजी व्यक्तियों को भ्रष्ट बताया) जारी करने के मामले में गठित की गई कमेटी की सील बंद रिपोर्ट कोर्ट में
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में भ्रष्ट पटवारियों की सूची (जिसमें 370 पटवारियों और 170 निजी व्यक्तियों को भ्रष्ट बताया) जारी करने के मामले में गठित की गई कमेटी की सील बंद रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर 3 अधीक्षक समेत 3 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सरकार ने यह भी बताया कि यह सूची इन अधिकारियों की लापरवाही का ही नतीजा है।
याची की वकील ईशानी गोयल ने सभी आरोपों को खंडन करते हुए बताया कि भ्रष्टाचार की और भी सूची जारी होंगी। इस मामले में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सब अधिकारियों की गलती से हुआ है। ईशानी ने आगे कहा कि यह सब सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह दोषी अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय कर कोर्ट में पेश करे।
बिना आधिकारिक जांच के किसी को भ्रष्ट बताना गलत: संधू
इस मामले में एक और याची साहिबजीत सिंह संधू ने बताया कि इस सूची के लीक होने के बाद विभिन्न मीडिया आउटलेट्स ने प्रकाशित किया। बिना किसी आधिकारिक जांच के पटवारियों व निजी व्यक्तियों को भ्रष्ट बताना गलत है और यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
सूची को लीक करने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई
इस मामले में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी ताकि उन 370 पटवारियों और 170 निजी व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा की जा सके, जिनका नाम भ्रष्ट पटवारी के रूप में एक सूची में प्रकाशित किया गया था। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया कि इस सूची को तुरंत सार्वजनिक डोमेन से वापस लिया जाए ताकि इसकी कोई भी जानकारी प्रकाशित न हो और इस सूची को लीक करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए जांच की जाए।
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