Edited By Isha, Updated: 18 Sep, 2019 03:49 PM
गौ संरक्षण और गौ संवर्धन को लेकर मौजूदा केंद्र व राज्य सरकारों ने सराहनीय कदम उठाए। इस दिशा में एक नई पहल करते हुए सरकार द्वारा गायों की सुरक्षा
रेवाड़ी( महेंद्र भारती): गौ संरक्षण और गौ संवर्धन को लेकर मौजूदा केंद्र व राज्य सरकारों ने सराहनीय कदम उठाए। इस दिशा में एक नई पहल करते हुए सरकार द्वारा गायों की सुरक्षा को लेकर नन्दी शालाएं भी खोली गई वहीं हर साल लाखों करोड़ों का बजट भी दिया गया, लेकिन रेवाड़ी में आकर सरकार के ये दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं।
पीतल नगरी की सड़कों पर किस कदर बेसहारा पशु बेलगाम विचरण कर रहे हैं। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सर्कुलर रोड और सब्जी मंडी से लेकर शहर की ऐसी कोई सड़क या चौराहा शेष नहीं, जहां ये बेसहारा पशु आपको दिखाई ना दे। इतना ही नहीं, फ्लाईओवर पर भी इन बेसहारा पशुओं का जमावड़ा देखा जा सकता है। ये पशु सड़कों के बीचो बीच झुंड के रूप में खड़े होकर और झगड़कर जहां दुर्घटनाओं का सबब बने हुए हैं। वही दिनभर इन पशुओं के कारण शहर की सड़कों पर यातायात जाम की स्थिति भी बनी रहती है।
इसे लेकर लोगों का कहना है कि दिनभर सड़कों पर घूमने वाले इन पशुओं के कारण कई ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं तो कोई अपनी जान तक गंवा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें अधिकांश पशु पालकों के हैं, जो सुबह शाम दूध निकालकर इन्हें सड़कों पर खुलेआम छोड़ देते हैं। वहीं उन्होंने नगर परिषद अधिकारियों पर भी पशुपालकों से मिलीभगत का आरोप लगाया और पशुपालकों पर जुर्माना लगाने की मांग की।
हालांकि इस बड़ी समस्या को देखते हुए शहर के एक जागरूक अधिवक्ता ने साल 2010 में एक याचिका पब्लिक यूटिलिटी कोर्ट गुरुग्राम में डाली, जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने इन बेसहारा पशुओं को गौशाला तक पहुंचाने के आदेश नगर परिषद को दिए। कुछ दिन तो इस पर काम हुआ, लेकिन उसके बाद स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली साबित हुई और कोर्ट के आदेशों की पालना ना होती देख इस अधिवक्ता ने एक याचिका जिला कोर्ट में दायर की। अधिवक्ता का आरोप है कि नगर परिषद कागजों तक कार्यवाही करने में ही सीमित रह गई है।