हरियाणा कैबिनेट विस्तार; महिपाल ढांडा को मिल सकती है जगह, जानिए ढांडा की राजनीतिक करियर की कहानी

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 19 Mar, 2024 03:07 PM

mahipal dhanda may join haryana cabinet

हरियाणा में 2024 लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी हाईकमान ने हरियाणा में बड़ा फेरबदल कर दिया और सीएम मनोहर लाल को सीएम की कुर्सी से उतारकर कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद नायब सिंह सैनी को प्रदेश का मुखिया बना दिया।

पानीपत (सचिन शर्मा): हरियाणा में 2024 लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी हाईकमान ने हरियाणा में बड़ा फेरबदल कर दिया और सीएम मनोहर लाल को सीएम की कुर्सी से उतारकर कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद नायब सिंह सैनी को प्रदेश का मुखिया बना दिया। प्रदेश का मुखिया बनने के बाद नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में  मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के दौरान पांच मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल कर दिया था, लेकिन कैबिनेट का विस्तार होना बाकी था। जिसकी गहमा गहमी लगातार बनी हुई है।

आज शाम को करीब 4:30 बजे नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है, जिनमें कई विधायकों के नाम मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है। जिसमें एक नाम पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक महिपाल ढांडा का भी चल रहा है।

बता दें कि महिपाल ढांडा पेशे से एक व्यवसाय है और पुराने RSS सदस्य रहे हैं। महिपाल ढांडा ने 1980 के दशक में भाजपा की युवा शाखा के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी और पार्टी में लगातार काम करते हुए उन्हें कहीं पद भी मिले जिसमें पार्टी ने उन्हें एक बार किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गय। महिपाल ढांडा ने साल 2014 में पानीपत (ग्रामीण) से अपना पहला चुनाव लड़ा था।

हरियाणा-यूपी सीमा पर स्थित पानीपत ग्रामीण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पानीपत जिले के औद्योगिक शहर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करता है। जाटों, ब्राह्मण और जैन समुदायों के प्रभुत्व वाला, पानीपत (ग्रामीण) निर्वाचन क्षेत्र 2009 के परिसीमन में बनाया गया था। हालांकि अब पानीपत ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में प्रवासी लोगों की संख्या लाखों में है। जिनपर पानीपत ग्रामीण विधानसभा चुनाव काफी हद तक निर्भर रहता है। जिसमें महिपाल ढांडा की अच्छी पैठ बताई जाती है। हालांकि यहां कुछ कॉलोनियों को नियमित कर दिया गया है, लेकिन कई कॉलोनियां ऐसी हैं जिनमें बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है।

ये है महिपाल ढांडा का चुनावी इतिहास

  • 2014- बीजेपी के महिपाल ढांडा ने धारा सिंह (निर्दलीय) को 36,132 वोटों से हराया.
  • 2019- बीजेपी के महिपाल ढांडा ने जेपी के देवेंद्र का ध्यान को अच्छे अंतर से हराया था
  • 2009- ओपी जैन (निर्दलीय) ने इनेलो की बिमला कादियान को 6,636 से हराया।

पहली बार विधायक बने ढांडा औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों, नालियों और उपचार संयंत्रों के निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपए की विकासात्मक परियोजनाएं लाए। उन्होंने पानीपत के बाहरी इलाके में एक आईटीआई और चार बाईपास स्थापित किए। एनजीटी द्वारा उन पर लगाई गई शर्तों के लिए उन्हें उद्योगपतियों की आलोचना का सामना करना पड़ा। ढांडा स्वच्छ भारत मिशन के तहत टास्क फोर्स के अध्यक्ष थे, लेकिन उनके निर्वाचन क्षेत्र में स्वच्छता एक गंभीर मुद्दा बनी रही।

जाट नेता है महिपाल ढांडा

आपको बता दें कि महिपाल ढांडा एक जाट नेता है। महिपाल ढांडा 2014 चुनाव में करनाल लोकसभा सीट की टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा और महिपाल ढांडा बीजेपी पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे। जानकारों का कहना है भारतीय जनता पार्टी में शुरू से ही महिपाल ढांडा के विरोधियों की कमी नहीं है। विरोधियों ने पिछली बार 2019 विधानसभा चुनाव में महिपाल ढांडा की टिकट कटवाने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा लिया था। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के साथ मजबूत संबंधों के चलते महिपाल ढांडा दूसरी बार अपनी टिकट लाने में कामयाब रहे और दूसरी बार जीत दर्ज करी। सियासी गलियारों में चर्चा है कि विरोधी इस बार भी उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं। मगर दो बार के चुनाव का इतिहास देखें तो महिपाल ढांडा हर बार विरोधियों पर भारी ही पड़े हैं। आपको बता दें कि हरियाणा में कुल वोट का 25% जाट वोटर हैं वहीं अब सवाल यह उठता है अगर बीजेपी पार्टी महिपाल ढांडा को मंत्रिमंडल में शामिल कर लेती है तो उसकी आने वाले चुनाव को लेकर क्या रणनीति और क्या मनसा हो सकती है।

जानकारों की मानें तो अगर महिपाल ढांडा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो बीजेपी जाट वोट बैंक को साधने का प्रयास करेगी। क्योंकि जाट वोटर बीजेपी को कम पसंद करते हैं और जाट वोटर चाहते हैं कि हरियाणा में जाट समुदाय से मुख्यमंत्री बनाया जाए लेकिन बीजेपी ऐसा बिल्कुल नहीं करेगी। जिसके चलते बीजेपी महिपाल ढांडा को मंत्रिमंडल में शामिल करके जाट वोट बैंक को साधने का प्रयास जरूर करेगी। हालांकि भाजपा सूत्रों की माने तुम महिपाल ढांडा मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं क्योंकि वह मात्र 6 महीने के लिए मंत्री नहीं बनना चाहते हैं।


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