Edited By Shivam, Updated: 31 Mar, 2020 02:26 PM
असंगठित श्रमिकों से पंजीकरण करवाने के नाम पर अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है। कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाऊन के चलते सरकार द्वारा अति गरीब असंगठित श्रमिकों को आर्थिक सहयोग देने के आदेश जारी हुए थे। इसके लिए हरियाणा के असंगठित श्रमिकों का...
हिसार (ब्यूरो): असंगठित श्रमिकों से पंजीकरण करवाने के नाम पर अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है। कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाऊन के चलते सरकार द्वारा अति गरीब असंगठित श्रमिकों को आर्थिक सहयोग देने के आदेश जारी हुए थे। इसके लिए हरियाणा के असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण किया जाना है। ये पंजीकरण सी.एस.सी. सैंटर पर किया जाना था।
सी.एस.सी. सैंटरों को पंजीकरण की नि:शुल्क सुविधा के आदेश हैं। लेकिन अनेक लोग गली-मोहल्लों में स्थित फोटोस्टेट या कम्प्यूटर की दुकानों पर पहुंच गए। ऐसे में सोमवार को वार्ड 11 में सातरोड गांव के एरिया में कुछ कम्प्यूटर सैंटर संचालकों द्वारा असंगठित श्रमिकों से फार्म पंजीकरण करने के नाम पर 100 से लेकर 200 रुपए वसूल लिए गए।
शर्तें पूरी न करने वाले लोगों के भी भर दिए फार्म
वार्ड के लोगों ने बताया कि कम्प्यूटर संचालकों ने उन लोगों के भी फार्म भर दिए जो लोग असंगठित श्रमिक फार्म की शर्तें भी पूरी नहीं करते। लोगों ने बताया कि फार्म भरने के साथ-साथ उन लोगों से 100 से लेकर 200 रुपए तक वसूले गए। एक-2 जगह यह भी देखने में आया कि जहां मोबाइल संचालकों ने फोटोस्टेट मशीन रख रखी थी, वहां पर फार्म बेचने के नाम पर भीड़ इकट्ठा कर ली।
लोगों ने आरोप लगाया कि कम्प्यूटर सैंटर संचालकों ने लोगों को फार्म भरने की शर्तें तक भी नहीं बताई। दिन भर कम्प्यूटर सैंटर पर भीड़ लगी रही व लॉकडाऊन का जमकर उल्लंघन हुआ।
मेयर के पास पहुंचा मामला
मेयर गौतम सरदाना ने कहा कि फिलहाल ये फार्म की साइट रुकवा दी गई है। बहुत जल्द इसमें अपडेशन आ जाएगी क्योंकि अधूरी जानकारी के चलते लोगों ने गलत फार्म भरने शुरू कर दिए थे। ये फार्म सिर्फ असहाय व अति गरीब मजदूरों के लिए हैं। जिन्होंने भी गलत फार्म भरें हैं उनके कैंसिल हो जाएंगे।