Edited By Deepak Paul, Updated: 24 May, 2018 12:33 PM
बैंकों का इन दिनों कर्जा वसूली शिकंजा चला हुआ है जिसके चलते 5500 किसानों को जमीन नीलामी के नोटिस जारी हो चुके हैं। नोटिस जारी किए जाने की यह प्रक्रिया लगातार जारी है। जिन गांवों में किसानों द्वारा यह नोटिस स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं बैंक प्रबंधक...
चंडीगढ़(बंसल): बैंकों का इन दिनों कर्जा वसूली शिकंजा चला हुआ है जिसके चलते 5500 किसानों को जमीन नीलामी के नोटिस जारी हो चुके हैं। नोटिस जारी किए जाने की यह प्रक्रिया लगातार जारी है। जिन गांवों में किसानों द्वारा यह नोटिस स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं बैंक प्रबंधक नोटिस उनके घर के बाहर चस्पा कर रहे हैं। अकेले जींद जिले में अब तक करीब 150 किसानों को नीलामी के नोटिस जारी किए जाने की सूचना है। ऐसी स्थिति हर जिले में बन रही है। सहकारी बैंकों का करीब पौने 7 हजार करोड़ रुपए का कर्ज इस समय किसानों की तरफ खड़ा है। किसानों को जमीन गिरवी रखकर कर्ज दिया जाता है।
यह नोटिस जारी होने के बाद प्रदेश सरकार जहां चुप है, वहीं किसान संगठनों ने फिर से सरकार के विरुद्ध लामबंद होना शुरू कर दिया है। हरियाणा में इस समय करीब 15 लाख किसान हैं। इनमें से अधिकतर किसान निजी तथा सहकारी बैंकों के अलावा साहूकार के कर्ज की मार तले दबे हुए हैं। किसानों की मानें तो हालात ये हैं कि वह अपना पुराना कर्ज चुकता करने के लिए नया कर्ज लेने को मजबूर हो रहे हैं। प्रदेश के जींद, रोहतक, भिवानी, दादरी व झज्जर आदि सहित कई जिलों में किसानों को यह नोटिस जारी किए जाने की सूचना है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी को भी किसानों ने नोटिस मिलने की जानकारी दी है।
राजनीतिक दलों और भाकियू नेताओं के बीच जल्द ही कोई बैठक हो सकती है, जिसमें किसानों के हित में बड़े आंदोलन का ऐलान किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों हरियाणा सरकार को उन किसानों की सूची देने के लिए कहा था, जिनकी तरफ बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों का बकाया है। हरियाणा सरकार ने यह कहते हुए सूची देने से इन्कार कर दिया था कि इससे किसानों की बदनामी होगी। अब वही सरकार डिफाल्टर किसानों की जमीन की नीलामी के नोटिस दे रही है।
सरकार के इशारे पर किसानों को नोटिस
सरकार के इशारे पर किसानों को जमीन नीलामी के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। भाजपा सरकार का एक भी फैसला किसान हितैषी नहीं रहा है और अब सरकार किसानों को उजाडऩे पर तुल गई है। इनैलो किसानों के साथ खड़ी है।
किसानों की जमीन कुर्की का विरोध करेगी कांग्रेस
किसानों की जमीन को अगर कुर्क किया तो कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करेगी। प्रदेश में किसानों के विरुद्ध होने वाली इस कार्रवाई को रोकना जरूरी है। कांंग्रेस कार्यकाल के दौरान किसानों को कभी ऐसे अपमानित नहीं किया गया। किसानों के पास जमीन के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस पार्टी सरकार की इस कार्रवाई को विरोध करती है।