Edited By Deepak Kumar, Updated: 17 Apr, 2025 04:48 PM

निजी स्कूलों की मनमानी बच्चों पर इस कदर हावी है कि उनके बैग का वजन बढ़ता जा रहा है। निजी स्कूल वैन प्राइवेट पब्लिशर मिल कर के मनमानी किताबें लगवाते हैं, जिसकी वजह से बच्चों के स्कूल बैग का वजन बढ़ता जा रहा है, जबकि बच्चों के कंधे झुकते जा रहे हैं।
ब्यूरोः निजी स्कूलों की मनमानी बच्चों पर इस कदर हावी है कि उनके बैग का वजन बढ़ता जा रहा है। निजी स्कूल वैन प्राइवेट पब्लिशर मिल कर के मनमानी किताबें लगवाते हैं, जिसकी वजह से बच्चों के स्कूल बैग का वजन बढ़ता जा रहा है, जबकि बच्चों के कंधे झुकते जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग की नियमावली के अनुसार 10वीं के बच्चे का स्कूल बैग का वजन 5 KG होना चाहिए लेकिन यहां तो पहली दूसरी क्लास के बच्चों के बैग का वजन ही 6 से 7 किलो है। रेंडमली निजी स्कूल के बहुत से बच्चों के स्कूल बैग का वजन किया गया जिसमें पाया गया कि ज्यादातर स्कूल बैग 5 किलोग्राम से अधिक थे और ये स्कूल बैग में 7वीं क्लास से नीचे पढ़ने वाले बच्चों के थे। अगर असलियत में देखें तो उनके बैग का वजन लगभग साढ़े 3 किलो से नीचे होना चाहिए।
अभिभावकों ने कहा कि स्कूल बैग की वजह से बच्चों के कंधों पर वजन बढ़ता जा रहा है, जो बच्चे शरीर में कमजोर है उनके अभिभावक बैग खुद के कंधों पर उठाकर ले जाते हैं। एक अभिभावक ने तो यहां तक कह दिया कि बच्चे का वजन 18 किलो है जबकि बैग का वजन बारा किलोग्राम है।
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