जलभराव से बचाव के इंतजाम में जुटी हरियाणा सरकरार, खर्च कर रही 528 करोड़ रूपए... बनाया ये खास प्लान

Edited By Isha, Updated: 24 Dec, 2025 12:36 PM

haryana government is working on measures to prevent waterlogging

हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों को 528 करोड़ रुपये की लागत वाली 328 बाढ़ नियंत्रण प्राथमिक योजनाओं की तत्काल समीक्षा करने के निर्देश दिए।

चंडीगढ़ : हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों को 528 करोड़ रुपये की लागत वाली 328 बाढ़ नियंत्रण प्राथमिक योजनाओं की तत्काल समीक्षा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर पहले आबादी क्षेत्र (आबादी देह) की सुरक्षा और उसके बाद कृषि भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तथा तीन दिनों के भीतर मुख्यालय को रिपोर्ट सौंपी जाए। ये निर्देश उन्होंने 55वीं "हरियाणा स्टेट टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी ऑन फ्लड्स" (HSTAC) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।

डॉ. मिश्रा ने स्पष्ट किया कि सभी कार्य आगामी मानसून से पहले पूरे किए जाने चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन को फील्ड स्तर पर कार्यों की सख्त निगरानी, गुणवत्ता नियंत्रण और समय-सीमा के पालन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वित्त आयुक्त ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे सभी डी-वॉटरिंग पंपों की सूची तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि वे पूरी तरह कार्यशील हों, ताकि उन्हें केंद्रीकृत और रणनीतिक तरीके से तैनात किया जा सके। इससे प्रत्येक जिले के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पंपिंग क्षमता उपलब्ध रहेगी और भारी वर्षा तथा जलभराव की स्थिति में समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि डी-वॉटरिंग मशीनरी की पूरी सूची पहले से तैयार रखी जाए।

बैठक में मौजूदा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए बैठक में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 642 करोड़ रुपये की लागत वाली 378 बाढ़ सुरक्षा योजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। वर्तमान में 231 योजनाएं क्रियान्वयन की अवस्था में हैं, जबकि 48 योजनाओं का कार्य अभी शुरू होना बाकी है।

बैठक में शहरी बाढ़ नियंत्रण उपायों की भी समीक्षा की गई। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने बताया कि 525.95 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 30 स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज परियोजनाएं फिलहाल निर्माणाधीन हैं, जबकि पिछले वर्ष 23 परियोजनाएं पूरी की गई थीं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या का समाधान करना है।

डॉ. मिश्रा ने पिछले वर्ष चिन्हित संवेदनशील बिंदुओं की गहन समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि आगामी मानसून को देखते हुए राज्य सरकार ने बाढ़ से संबंधित कार्यों के लिए, पूरक प्रावधानों सहित 460 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। चालू वर्ष में अब तक लगभग 395 करोड़ रुपये का व्यय किया जा चुका है। उपायुक्तों को विशेष रूप से नदी संरक्षण और तटबंध संबंधी कार्यों का नियमित रूप से फील्ड निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक के दौरान वित्त आयुक्त ने हरियाणा इंटीग्रेटेड फ्लड मैनेजमेंट एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम (IFMIS) के विकास की भी समीक्षा की और निर्देश दिए कि अगली बोर्ड बैठक से पहले इस प्रणाली को पूरी तरह क्रियाशील किया जाए।

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