Edited By Yakeen Kumar, Updated: 24 Dec, 2025 09:02 PM

आईएएस अधिकारियों की कमी झेल रहे हरियाणा में नया साल प्रशासनिक चुनौतियां बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। वर्ष 2026 में राज्य के 13 वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, जिससे ब्यूरोक्रेसी पर काम का दबाव और बढ़ने की आशंका है।
चंडीगढ़ : आईएएस अधिकारियों की कमी झेल रहे हरियाणा में नया साल प्रशासनिक चुनौतियां बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। वर्ष 2026 में राज्य के 13 वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, जिससे ब्यूरोक्रेसी पर काम का दबाव और बढ़ने की आशंका है। एक साल का सेवा विस्तार पा चुके मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के साथ-साथ कई सीनियर अधिकारी भी रिटायरमेंट की सूची में शामिल हैं।
सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों में वरिष्ठ आईएएस सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के राजा शेखर वुंडरू और अरुण कुमार गुप्ता, केंद्र सरकार में सचिव अभिलक्ष लिखी तथा प्रधान सचिव स्तर के डी. सुरेश शामिल हैं। अरुण कुमार गुप्ता वर्तमान में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा 2005 बैच के आईएएस रमेश चंद्र बिधान 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
राज्य में इस समय आईएएस कैडर के 225 पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 183 अधिकारी ही कार्यरत हैं। यानी पहले से ही 42 पद खाली हैं। वहीं 12 आईएएस अधिकारी केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। हाल ही में हरियाणा को 6 नए आईएएस मिले हैं, लेकिन 13 अधिकारियों के रिटायर होने से स्थिति और गंभीर हो सकती है।
हालात ऐसे हैं कि कई वरिष्ठ अधिकारियों को एक साथ तीन से चार विभागों का प्रभार संभालना पड़ रहा है। इस बोझ को कम करने के लिए सरकार ने आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस और अन्य सेवाओं के अधिकारियों को आईएएस के पदों पर तैनात किया हुआ है। हालांकि सरकार के पास विकल्प है कि वह योग्य एचसीएस अधिकारियों को पदोन्नत कर आईएएस के खाली पद भर सकती है, लेकिन फिलहाल पदोन्नति कोटे के कई पद भी रिक्त पड़े हैं।
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