Edited By Saurabh Pal, Updated: 30 Oct, 2023 05:34 PM
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों एवं विचारों से लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहते हैं। इस दौरान उनका असर अब बच्चों पर भी पड़ने लगा है।
जींदः प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों एवं विचारों से लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहते हैं। इस दौरान उनका असर अब बच्चों पर भी पड़ने लगा है। इस कड़ी पीएम मोदी के 15 अगस्त के भाषण की मुरीद होकर जींद जिले की कक्षा सातवीं की छात्रा ने गाली मुक्त स्कूल अभियान चलाया है।
दरअसल देश की सबसे कम उम्र की सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी यूट्यूब पर जब प्रधानमंत्री द्वारा दी गई 15 अगस्त की स्पीच सुन रही थी। इस स्पीच में उसने सुना कि प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए अपशब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जब नंदिनी ने देखा कि उसकी क्लॉस व खेल के मैदान पर भी बच्चे गालियों का प्रयोग करते हैं तो उसने ठान लिया कि गाली को रोकने के लिए कोई अभियान शुरू करना चाहिए। इसके लिए नंदिनी ने अपने अभियान का नाम रखा गाली मुक्त स्कूल।
नंदिनी ने गाली मुक्त स्कूल का एक चार्ट भी बनवाया है, जिसे वह स्कूलों के क्लॉस रूम में लगाने जा रही है। उसमें गाली देने वाले बच्चों के नाम व हर दिन उनके द्वारा दी जाने वाली गालियों की संख्या लिखी जाएगी। नंदिनी ने बताया कि गाली मुक्त स्कूल को शुरूआती स्तर में जींद के अलावा हिसार व गुरूग्राम में भी चलाया जाएगा। इसके अलावा सोशल मिडिया पर इस अभियान को सक्रिय रूप से चलाया जाएगा। जिससे धीरे-धीरे हमारा देश गाली मुक्त हो जाएगा।
नंदिनी जागलान भारत की सबसे कम उम्र की सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह कन्या भ्रूण हत्या रोकने, माहवारी जागरूकता के विषय फर्स्ट पीरियड स्माईल जैसे अभियान भी चला रहीं हैं। गौरतलब है कि 15 अगस्त 2022 को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि क्या हम स्वभाव से, संस्कार से रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं?
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