Edited By vinod kumar, Updated: 09 Aug, 2020 09:23 PM
हरियाणा में लॉकडाउन की अवधि में जमकर अवैध रुप से जमीनों की रजिस्ट्रियां हुई। इन रजिस्ट्रियों को करने में न तो नियमों का ध्यान रखा गया और न ही जिला नगर योजनाकारों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए गए। अब कई जिलों से अवैध रजिस्ट्रियों के मामले सामने आ...
पानीपत: हरियाणा में लॉकडाउन की अवधि में जमकर अवैध रुप से जमीनों की रजिस्ट्रियां हुई। इन रजिस्ट्रियों को करने में न तो नियमों का ध्यान रखा गया और न ही जिला नगर योजनाकारों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए गए। अब कई जिलों से अवैध रजिस्ट्रियों के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पानीपत में सामने आया हैं, जहां एक व्यक्ति ने अधिकारियों के साथ मिलकर सरकारी भूमि की रजिस्ट्री अपने बेटे के नाम करवा ली।
इसका खुलासा आरटीआई में हुआ। इसको लेकर जिला कोर्ट के वकील अनिल भान ने आरटीआई डाली थी। जिसमें इस हेराफेरी का पता चला। अनिल भान ने कहा कि दौलत राम ने मार्च महीने में अपने बेटे विजय सहगल के नाम सौनाली रोड पर सरकारी रकबे की अधिकारियों के साथ मिलकर ट्रांसफर डीड करवाई। इस जमीन की कीमत करोड़ों में है।
अधिकारियों द्वारा इस ट्रांसफर डीड में हेराफेरी की गई। अनिल ने कहा कि सबसे पहले रिडर ट्रांसफर डीड को देखता है और मार्क करता है, उसके बाद डीड के ऊपर लगे फार्म पर मार्किंग की जाती है। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों को देखकर फिर रजिस्ट्री क्लर्क अपने हस्ताक्षर करता है। इसके बाद लोन व कागजात चैक कर एडब्ल्यूडीएन ब्रांच अपने हस्ताक्षर करती है। इन सबके बाद रजिस्ट्री तहसील में की जाती है और फिर तहसीलदार रिकॉर्ड चैक कर अपने हस्ताक्षर करता है, लेकिन इन सब ने अपने पद का गलत उपयोग करके यह रजिस्ट्री करवा दी।
अनिल ने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने अपने पद का गलत उपयोग किया है। उन्होंने मांग की है किरिडर से लेकर रजिस्ट्री क्लर्क और नायब तहलीदार, ट्रांसफर डीड के गवाह, एडब्ल्यूडीएन ब्रांच क्लर्क, ट्रांसफर डीड फार्म को मार्क करने वाले कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें तुरंत प्रभाव से संस्पेंड किया जाए। उन्होंने इसकी शिकायत सीएम विंडो में भी दी है।