Edited By Yakeen Kumar, Updated: 19 May, 2025 10:07 PM

पलवल जिले के उपमंडल हथीन के सरकारी अस्पताल में तैनात क्लर्क कम एकाउंटेंट को एसीबी की टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। क्लर्क द्वारा यह रिश्वत एसएमओ के लिए मांगी गई यह एक चिकित्सा अधिकारी की सैलरी निकलने की एवज में...
पलवल (दिनेश कुमार) : पलवल जिले के उपमंडल हथीन के सरकारी अस्पताल में तैनात क्लर्क कम एकाउंटेंट को एसीबी की टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। क्लर्क द्वारा यह रिश्वत एसएमओ के लिए मांगी गई यह एक चिकित्सा अधिकारी की सैलरी निकलने की एवज में मांगी गई। चिकित्सा अधिकारी ने एंटी करप्शन ब्यूरो को दी जिसके बाद उन्होंने 10 हजार रुपए शिकायत करता को दिए और शिकायत करता चिकित्सा अधिकारी ने एसएमओ से रिश्वत के पैसे देने को कहा तो उसने अपने क्लर्क को पैसे लेने भेज दिया जैसे ही क्लर्क ने पैसे लिए तो एंटी करप्शन टीम ने एसएमओ मनीष गर्ग के क्लर्क पुराण को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। हालांकि एसएमओ मनीष गर्ग मौके से फरार होने में कामयाब हो गया। अब एंटी करप्शन की टीम क्लर्क पुराण को काबू कर आगामी कार्यवाही में जुट गई है और एसएमओ मनीष गर्ग का रिकॉर्ड खंगाल रही है।
एसीबी टीम के जांच अधिकारी राजकुमार ने बताया कि हथीन उपमंडल के अंतर्गत नांगल जाट में तैनात डॉक्टर गजे सिंह ने शिकायत दी थी कि वह हथीन के सरकारी अस्पताल में बतौर चिकित्सक तैनात था लेकिन फिलहाल उसे डैपूटेशन पर नांगल जाट लगाया हुआ है। एक मई को हथीन अस्पताल के सभी डॉक्टरों की सैलरी निकाल दी गई, लेकिन उसकी सैलरी नहीं निकाली गई तो वह क्लर्क कम एकाउंटेंट पूरन से मिला। उसने पूरन से अपनी सैलरी निकालने की बात कही तो उसने 10 हजार रुपयों की मांग की।
डॉ. गजे सिंह ने बताया कि उसने कहा कि पिछले माह भी उसने पैसे दिए थे आखिर वह सैलरी निकलवाने के लिए कब तक पैसे देता रहेगा। डॉ. गजे सिंह ने बताया कि उसको कभी डेपूटेशन पर कहीं ना कहीं लगा देते है, इतना ही नहीं उसे मानसिक रुप से परेशान भी करते है। डॉक्टर ने परेशान होकर इसकी शिकायत गुरुग्राम एसीबी कार्यालय में की। जिसके बाद एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) पलवल की टीम ने मौके पर आरोपी एकाउंटेंट पुरन को रंगे हाथों 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। अब गिरफ्तार एकाउंटेंट से एसीबी की टीम पूछताछ करने में जुटी हुई है, ताकि इस मामले में संलिप्त अन्य अस्पताल के कर्मचारियों व अधिकारी को भी पकड़ा जा सके। चिकित्सक ने दी शिकायत में अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए है।
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