एसिड अटैक पीड़ित पुरुषों के हक में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Jul, 2017 01:35 PM

highcourt order to change policy for acid attack victims

पंजाब सरकार द्वारा एसिड अटैक पीड़ितों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने में पुरुष एसिड अटैक पीड़ितों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए दायर अवमानना याचिका

चंडीगढ़(बृजेन्द्र):पंजाब सरकार द्वारा एसिड अटैक पीड़ितों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने में पुरुष एसिड अटैक पीड़ितों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार को आदेश दिए कि इसमें पुरुष पीड़ितों को भी शामिल करने को लेकर उचित्त संशोधन करें। केस की अगली सुनवाई 7 सितम्बर को होगी। पंजाब सरकार द्वारा उचित्त योजना लागू न करने के आरोपों के तहत अधिवक्ता एच.सी. अरोड़ा ने यह अवमानना याचिका दायर की थी। जिसमें पंजाब सरकार के चीफ सैक्रेटरी को पार्टी बनाया गया था। 

अवमानना याचिका में कहा गया है कि पी.आई.एल. बैंच के आदेशों की सरकार ने पालना नहीं की। सुनवाई के दौरान पंजाब की एडिशनल एडवोकेट जनरल ने 20 जून, 2017 की पंजाब सरकार के डिपार्टमैंट ऑफ सोशल सिक्योरिटी एंड डिवैल्पमैंट ऑफ वूमैन एंड चिल्ड्रन (डिसएबिलिटी ब्रांच) की एक नोटिफिकेशन पेश की। जिसमें ‘फीमेल एसिड अटैक विक्टिम्स’ के लिए 8000 रुपए मासिक वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान है जो एसिड अटैक के चलते विकलांगता की श्रेणी (दि राइट्स ऑफ पर्संस विद डिसएबिलिटिज एक्ट, 1995) में आ गई जो समय के साथ संशोधित हुआ। 

सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से बताया गया कि हरियाणा सरकार की 25 मार्च, 2016 की नोटिफिकेशन में भी महिला एसिड अटैक पीड़ितों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान है तो याची ने कोर्ट से प्रार्थना करते हुए कहा कि हरियाणा के चीफ सैक्रेटरी को भी अवमानना नोटिस जारी किया जाना चाहिए। कोर्ट ने सम्बंधित मांग पर कार्रवाई करते हुए हरियाणा को भी मामले में पार्टी बना लिया है।

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