'पीड़िता-आरोपी शादी भी कर लें तो POCSO एक्ट में समझौता मान्य नहीं', रेप केस पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 31 Jul, 2025 05:59 PM

victim and accused get married compromise is not valid under pocso

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पीड़िता और आरोपी के बीच समझौते के आधार पर पोक्सो अधिनियम (Pocso Act) के तहत दुष्कर्म के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया।

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पीड़िता और आरोपी के बीच समझौते के आधार पर पोक्सो अधिनियम (Pocso Act) के तहत दुष्कर्म के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया। उस व्यक्ति पर 13 वर्षीय पीड़िता के साथ दुष्कर्म का आरोप था। याचिकाकर्ता पीड़िता को बहला-फुसलाकर ले गया। जहां पीड़िता बिहार में उसके साथ रहने लगी। इस मामले में करीब 4 महीने बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया और पीड़िता को उसके पास से बरामद किया।  

हाईकोर्ट जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने कहा कि कानून नाबालिगों (Minors) और वयस्कों (Adults) के बीच अंतर्निहित शक्ति असंतुलन और क्षमता में असमानता को मान्यता देता है, जो शोषणकारी या अपमानजनक संबंधों को बढ़ावा दे सकता है। यह कानून 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों से जुड़ी यौन गतिविधियों को अपराध घोषित कर नाबालिगों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है, जिन्हें उनकी आयु के आधार पर कानूनी रूप से सूचित सहमति देने में असमर्थ माना जाता है।

बता दें कि आरोपी ने समझौते के आधार पर FIR रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी। जिसमें उसने कहा था कि उसने पीड़िता से विवाह कर लिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने केस रद्द करने से मना कर दिया है। आरोपी पर फिलहाल इस मामले में अपहरण, दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं। 

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