डेंगू के 2 नए मामले आने से स्वास्थ्य विभाग सतर्क, करवाई फॉगिंग

Edited By Isha, Updated: 11 Dec, 2019 12:32 PM

health department cautious dengue introduced fogging

जींद में डेंगू के 2 नए मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। विभाग ने उन दोनों जगह पर फॉगिंग करवा दी है, जिन जगहों पर यह मामले सामने आए हैं। डेंगू के पीड़ित दोनों मरीजों....

जींद (ललित) : जींद में डेंगू के 2 नए मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। विभाग ने उन दोनों जगह पर फॉगिंग करवा दी है, जिन जगहों पर यह मामले सामने आए हैं। डेंगू के पीड़ित दोनों मरीजों का जींद के सिविल अस्पताल में उपचार चल रहा है। मांडो खेड़ी गांव के प्रदीप और राजेश को बुखार के कारण सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। सिविल अस्पताल के डिप्टी एम.एस. डा. राजेश भोला ने बताया कि मांडो गांव के प्रदीप को 16 नवम्बर से बुखार आ रहा है और उसने जब चैकअप करवाया तो उसकी प्लेट्स कम मिली।

इसके बाद उसने बाहर डेंगू का टैस्ट करवाया तो उसे डेंगू की पुष्टि हुई। इसके बाद वह सिविल अस्पताल पहुंचा और उसका डेंगू का दोबारा से टैस्ट किया गया तो उसे डेंगू होने की पुष्टि हुई। डा. भोला ने बताया कि राजेश का उपचार मैडीकल वार्ड में चल रहा है। 4 साल पहले डेंगू के डंक ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ाकर रख दी थी। उस साल डेंगू का डंक स्वास्थ्य विभाग के हाथों से बेकाबू हो गया था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई जगहों पर तो 3 से 4 बार फॉगिंग करवाई गई थी, लेकिन फिर भी नए मामले मिलने का सिलसिला लगातार जारी रहा था।

सरकारी अस्पताल में डेंगू के टैस्ट की सुविधा होने के बाद जो रिपोर्ट आती थी, उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा फॉगिंग का काम शुरू करवा दिया जाता था। डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज शिव कालोनी और हाऊसिंग बोर्ड कालोनी के एरिया में सामने आए थे। जिले में डेंगू का बढ़ रहे डंक के आगे सरकारी अस्पताल छोटा हो गया था। उस समय 100 बैड के सरकारी अस्पताल में डेंगू का स्पैशल वार्ड भी छोटा पड़ गया था। डेंगू के मरीजों का सामान्य अस्पताल के अन्य वार्डों में भी इलाज करना पड़ा था।

लोगों द्वारा अपने घरों से चारपाई लाकर यहां पर अपना उपचार करवाया गया था। इसके अलावा केवल एमरजैंसी वार्ड को छोड़कर हर वार्ड में डेंगू के मरीजों का इलाज स्वास्थ्य विभाग ने किया था। प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू के ज्यादा मरीज सामने आए थे। स्थिति यह हो गई थी कि हल्का सा बुखार होते ही प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सक डेंगू का टैस्ट लिख रहे थे। जांच के बाद जिन मरीजों की प्लेट्स कम थी, उनको अस्पताल में भर्ती किया जा रहा था। उस समय सिविल अस्पताल में केवल एक ही फिजिशियन था। उसके कमरे के सामने सुबह से लेकर शाम तक मरीजों की लंबी लगी देखी जा सकती थी। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!