Edited By vinod kumar, Updated: 20 Jun, 2020 10:13 PM
चीन की कंपनियों के दो बड़े टेंडर हरियाणा सरकार ने रदद् कर दिए। इन दोनों कंपनियों को दो थर्मल पॉवर स्टेशन में एनजीटी के आदेशों पर प्रदूषण नियंत्रण करने व सल्फर कंट्रोल करने के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन के ठेके मिले हुए थे। यह मामला हाई पॉवर परचेज...
चंडीगढ़ (धरणी): चीन की कंपनियों के दो बड़े टेंडर हरियाणा सरकार ने रदद् कर दिए। इन दोनों कंपनियों को दो थर्मल पॉवर स्टेशन में एनजीटी के आदेशों पर प्रदूषण नियंत्रण करने व सल्फर कंट्रोल करने के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन के ठेके मिले हुए थे। यह मामला हाई पॉवर परचेज कमेटी तक गया था। जिसमें यह तय किया गया कि हरियाणा सरकार इन्हें रिटेंडर करके किसी घरेलू कंपनी को यह काम दे।
सूत्रों के अनुसार खेदड़ में एल 1 का यह ठेका चीन की कंपनी को 539 करोड़ व यमुनानगर में 282 करोड़ के टेंडर दिए गए थे। जिन्हें रदद् किया गया है। खेदड़ में 600 मेगावाट की दो-दो यूनिट व यमुनानगर में 300-300 मेगावाट के दो यूनिट शिंगायी इलेक्ट्रिक कंपनी ने ही बनाए थे। यह हुड्डा सरकार में बने थे। खेदड़ में 600 मेगावाट का एक यूनिट 24 अगस्त 2008 व दूसरा 11 मार्च 2011 को कमीशन हुआ, जबकि यमुनानगर दीन बंधु छोटू राम थर्मल में 300 मेगावाट का एक यूनिट 14 अप्रैल 2008 व दूसरा यूनिट 24 जून 2008 को कमीशन हुए थे।
बता दें कि यमुनानगर और हिसार थर्मल प्लांट के लिए बीडिंग हुई थी। दोनों ही बीडिंग में चीन की कंपनियों ने बाजी मारी थी, लेकिन अब एनटीपीसी की तर्ज पर भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता मिलेगी। हरियाणा पॉवर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेडड ने बिड आमंत्रित की थी। हाई पावर परचेज कमेटी ने चीन द्वारा भारत की सीमा पर की गई हरकत के बाद यह टेंडर रदद् कर घरेलू कंपनी को देने बारे कहा है।