Edited By vinod kumar, Updated: 16 Oct, 2019 09:12 PM
बडेसरा गांव के पूर्व सरपंच पवन हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने 48 घंट से पहले हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारों ने पूरानी रंजिश के चलते 14 अक्तूबर को देर रात पवन पर अंधाधुंध फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया था।
भिवानी(अशोक): बडेसरा गांव के पूर्व सरपंच पवन हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने 48 घंट से पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारों ने पूरानी रंजिश के चलते 14 अक्तूबर को देर रात गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इन हमलावरों ने दो साल पहले भी इसी परिवार के दो लोगों की गोली मारकर हत्या की थी।
बता दें कि बडेसरा गांव में सरपंच चुनावों वर्ष 2015 में दोनों पक्षों के बीच यह खूनी खेल शुरू हुआ था, जिसमें अभी तक परिवार के तीन सदस्यों की जान जा चुकी है। गांव बडेसरा में पांच साल पहले सुदेश देवी सरपंच बनी थी। बलजीत ने आरोप लगाया था कि सुदेश देवी फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के सहारे सरपंच बनी है। इसके लिए बलजीत ने आरटीआई लगाकर खुलासा किया था और बवानीखेड़ा थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। बलजीत की शिकायत पर सरपंच सुदेश देवी को सस्पेंड कर दिया गया था और उसे जेल भेज दिया गया।
इसको लेकर बलजीत व सरपंच सुदेश देवी पक्ष के लोग एक-दूसरे से रंजिश रखने लगे। दोनों गुटों में 8 जुलाई को खूनी संघर्ष हुआ और जिसमें 50 वर्षीय बलजीत की मौके पर मौत हो गई और हमले में घायल हुए बलजीत के पिता भलेराम ने पांच दिन बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
पुलिस ने मृतक बलजीत के पुत्र विकास की शिकायत पर 54 लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। जिनमें से 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। इसके बाद भी बलजीत के परिवार को हमलावरों से जान का खतरा बना हुआ था। उचित कार्रवाई न करने पर पीड़ित पक्ष ने भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर भी परिवार समेत कई दिनों तक धरना दिया था।
इसके बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार के सदस्यों को तीन आम्र्स लाइसेंस व पुलिस सुरक्षा भी दी थी। पुलिस अभी तक मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है, लेकिन दोनों परिवारों में गांव की चौधर को लेकर बनी दुश्मनी पांच साल बाद भी कम नहीं हुई है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी गंगाराम पूनिया में एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने आरोपी पक्ष के बब्लू व आनंद को जेल से प्रोटेक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ शुरु की। जिसके आधार पर आनंद के बेटे अंकित व उसके साथी सचिन को गिरफ्तार किया। डीएसपी हैडक्वाटर विरेंद्र सिंह ने बताया कि पूर्व सरपंच पवन को गवाही देने के चलते मौते के घाट उतार गया है। विरेंद्र ने कहा कि आनंद की निशानदेही पर अंकित व सचिन को बास गांव के पास से गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जा से दो अवैध पिस्तोल भी बरामद हुए हैं।