कैबिनेट मंत्री विज का भय या और कुछ, चकाचक होने लगे थाने-चौकियां

Edited By Isha, Updated: 19 Nov, 2019 11:47 AM

fear of cabinet minister vij or something else

कैबिनेट मंत्री अनिल विज एक्शन मोड में नजर आए तो स्थानीय पुलिस भी एक्शन में दिखी। सोमवार सुबह ही जिला के अलग-अलग थाना-चौकी में साफ सफाई

यमुनानगर (सतीश): कैबिनेट मंत्री अनिल विज एक्शन मोड में नजर आए तो स्थानीय पुलिस भी एक्शन में दिखी। सोमवार सुबह ही जिला के अलग-अलग थाना-चौकी में साफ सफाई अभियान चलाया गया। कहीं पर पेड़ों की ट्रीमिंग की गई, कहीं पर रंग रोगन का काम शुरू हुआ तो कहीं पर शौचालयों की सफाई। इसी तरह कुछ शौचालय ऐसे भी थे जिनमें टैंकी और टोंटी गायब थी, वहां पर प्लम्बर को लगाया गया।

इसी तरह कुछ थाना-चौकी में चालान किए गए जब्त वाहनों को इधर-उधर किया गया, क्योंकि ये वाहन वर्षों से खड़े थे। जंग लग चुकी थी, फिर भी कर्मियों ने इन्हें एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया और उस स्थान को साफ किया। कुछ बोर्ड से थाने-चौकी का नाम गायब था, वहां पर पेंटर से नाम लिखवाया गया। तीनों स्टाफ में सुबह से सायं तक सफाई अभियान चलाया गया। चर्चा थी कि पता नहीं कैबिनेट मंत्री कब आ जाएं और उन्हें फटकार न मार दें। 

अलग-अलग तरह की चर्चाएं
इस साफ-सफाई अभियान के तहत ही जिला पुलिस में अलग-अलग तरह की चर्चाएं देखी गई। अधिकतर कर्मियों का कहना था कि साफ-सफाई तो घर में भी करते हैं तो यहां क्यों नहीं। ये प्रयास अच्छा है। उनका कहना है कि कार्यालय भी घर की तरह ही होता है। अधिकतर समय यहीं बिताना होता है। साफ-सफाई से ही इंसान स्वस्थ रह सकता है, वहीं कुछ पुलिस कर्मी कह रहे थे कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी तो हैं नहीं, ऐसे में रोज सफाई कहां से हो। सोमवार या इससे पहले जो भी सफाई के प्रयास हुए हैं वो उन्होंने अपने स्तर पर ही किए हैं। इनका कहना है कि प्रदेश सरकार को चतुर्थ श्रेणियों की स्थायी भर्ती करनी चाहिए।  पुलिस का कहना है कि आज थाना में कंडम गाडिय़ां खड़ी हैं।

इन्हें धक्का मारकर स्टार्ट करना पड़ता है। कम से कम थाना स्तर पर 4 गाडिय़ां चाहिए, तभी काम चलेगा। अपना वाहन इसलिए नहीं चलाते क्योंकि उन्हें कार अलाऊंस नहीं मिलता। यदि रविवार की ही बात करें तो एक थाना के एरिया में अलग-अलग चार एक्सीडैंट हो गए तो एक गाड़ी कहां-कहां जाती। इनका कहना है कि कुछ थानों के भवन भी खस्ताहाल हो चुके हैं, उनकी ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।  वहीं रिहायशी एरिया के क्वार्टर भी खस्ताहाल हैं। इस पर भी उन्हें मंत्री की ओर से सकारात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। इनका कहना है कि इन दिनों हजार पुलिस कर्मी भी नहीं हैं। इनकी भी संख्या बढऩी चाहिए, ताकि काम का दबाव कम हो सके।

दिक्कतें भी बताई
पुलिस कर्मियों का कहना है कि उन्हें कैबिनेट मंत्री से उन्हें सकारात्मक उम्मीदें भी हैं। उनका कहना है कि महंगाई इतनी बढ़ गई हैं कि आज भी उन्हें डाइट के 600 रुपए प्रति महीना मिलते हैं, यानी दिन के 20 रुपए और तीनों टाइम खाने की बात करें तो 7 रुपए पड़ते हैं। 7 रुपए में तो आज चाय भी नहीं आती। चाय का कप 10 रुपए का है। यानी दिन में डाइट के 20 रुपए से 2 कप चाय पी सकते हैं।

इसी तरह थाने की बात करें तो 50 रुपए से कम एक टाइम का खाना नहीं है, वहीं अधिकतर थाना चौकी में लांगरी भी नहीं है। अपने स्तर पर ही कुक का इंतजाम किया हुआ है। इसी तरह आज के जमाने में पुलिस को प्रति माह साइकिल अलाऊंस के 120 रुपए मिलते हैं जबकि आज किसी के पास साइकिल ही नहीं है। 

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