आंदोलन को लेकर किसानों ने कहा- 26 को दिल्ली जाएंगे लेकिन वापस आने का पता नहीं

Edited By Shivam, Updated: 21 Nov, 2020 08:51 PM

farmers said about movement will go to delhi on 26th

तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली का घेराव करने के लिए किसान 26 नवम्बर को कूच करेंगे पर वापसी कब होगी, यह नहीं मालूम है। गोहाना की अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश के उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल की अध्यक्षता में किसानों ने आढ़तियों के...

गोहाना (सुनील जिंदल): तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली का घेराव करने के लिए किसान 26 नवम्बर को कूच करेंगे पर वापसी कब होगी, यह नहीं मालूम है। गोहाना की अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश के उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल की अध्यक्षता में किसानों ने आढ़तियों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

इस दौरान किसान नेता सत्यवान नरवाल ने कहा यह सरकार किसानों पर कृषि कानून लागू कर किसानों को बर्बाद करने में लगी हुई है। किसान इन कानूनों को लगातार वापस लेने की मांग को लेकर लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। इसी के चलते आने वाली 26 नवम्बर को प्रदेश नहीं, बल्कि पूरे देश का किसान दिल्ली का घेराव करेगा। सत्यवान नरवाल ने कहा कि हरियाणा में पाच स्थानों पर दिल्ली का घेराव होगा। इनमें पहला स्थान सोनीपत जिले में कुंडली बॉर्डर और दूसरा स्थान बहादुरगढ़ में नया गांव होगा, तीसरा दिल्ली-जयपुर हाइवे चौथा दिल्ली मुठरा-आगरा के इलावा दिल्ली बरेली रोड पर किसान जमा होंगे और दिल्ली की तरफ यहां से कूच करेंगे। 

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल के अनुसार दिल्ली का घेराव करने वही पहुंचें जिन्हें डर न लगता हो। डंडे भी बरस सकते हैं, छाती पर गोलियां भी खानी पड़ सकती हैं तथा केस भी झेलने पड़ सकते हैं। किसान करो या मरो की तैयारी के लिए अपने घरों से बाहर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि जाने वाले किसान अपने-अपने बिस्तर साथ लेकर जाएंगे तथा एक वक्त का खाना भी पैक करवा कर ले जाएंगे।

उन्होंने दिल्ली के घेराव को न होने देने के सरकारी दावों पर कहा कि ऐसा तो कभी अंग्रेजों के राज में भी नहीं हुआ। ब्रिटिश शासन में भी जनता को दिल्ली पहुंचने और वहां प्रदर्शन करने की खुली आजादी थी। तीनों नए कृषि कानूनों को काला कानून बताया तथा कहा कि ये कानून खेतीबाड़ी को पूंजीपतियों की गुलाम बना देंगे।

वहीं किसानों की इस लड़ाई का गोहाना अनाज मंडी के आढ़तियों ने भी समर्थन करते हुए कहा आढ़ती भी किसानों के साथ है सरकार जो कृषि अध्यादेश लेकर आई है। उससे आढ़ती भी बर्बाद हो जाएंगे और आने वाले समय मे मंडियां बंद हो जाएंगी, जिससे किसानों के साथ-साथ आढ़ती भी बर्बाद हो जाएंगे, जिसके चलते किसानों के साथ आढ़ती भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे। 26 को किसानों के साथ आढ़ती भी अपना काम छोड़कर दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

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