Edited By Manisha rana, Updated: 30 Jun, 2025 10:41 AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू), हिसार में चल रहे छात्र आंदोलन को लेकर सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन पर तीखा हमला बोला है।
उचाना (हरदीप श्योकंद) : पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू), हिसार में चल रहे छात्र आंदोलन को लेकर सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। उचाना स्थित राजीव गांधी महाविद्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एचएयू में नियुक्तियों में आरएसएस की पृष्ठभूमि को प्राथमिकता दी जा रही है। जो पूरी तरह से अनुचित और लोकतंत्र के खिलाफ है।
बीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में छात्रों की मांगों को दरकिनार कर उन्हें दबाया जा रहा है। वाइस चांसलर खुद छात्रों को घसीटते हैं, सिक्योरिटी गार्ड उन्हें पीटते हैं। यह कौन सी लोकतांत्रिक व्यवस्था है? उन्होंने सवाल उठाया। मंत्री ने कहा कि छात्रों के आंदोलन को खाप पंचायतों, किसान संगठनों और कुछ राजनीतिक दलों का समर्थन मिलना स्वाभाविक है। क्योंकि यह आंदोलन न्याय और अधिकारों की मांग के लिए है। जब आप नियुक्तियों में आरएसएस का चेहरा देखते हैं। तब आपको किसान और विपक्ष याद नहीं आते, लेकिन जब वे छात्रों के साथ खड़े होते हैं। तो सरकार को तकलीफ होने लगती है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की गौरवशाली विरासत को मत भूलिए चौ. बीरेंद्र सिंह ने चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की ऐतिहासिक भूमिका को याद दिलाते हुए कहा कि ग्रीन रिवॉल्यूशन में इस विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह वही संस्थान है जिसने अन्नदाता तैयार किए। इसे किसी भी सियासी चश्मे से देखना गलत है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों को परेशान करने के लिए हॉस्टल की बिजली और कैंटीन तक बंद करवाई जा रही है। यह दमनकारी रवैया ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा। जिस दिन जनता छात्रों के साथ खड़ी हो गई। उस दिन सरकार और वाइस चांसलर को अपनी जगह नहीं मिलेगी।
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