संचालक किराए पर फार्मेसी लाइसेंस लेकर बेच रहे दवाइयां, मरीजों के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़

Edited By Isha, Updated: 01 Feb, 2020 11:30 AM

drugs are being sold by renting pharmacy license messing with the health

नियम कहता है कि मेडिकल स्टोर चलाने के लिए फार्मासिस्ट होना जरूरी है। अगर स्टोर संचालक फार्मासिस्ट नहीं है तो वह दवाइयां बेचने के योग्य नहीं है। फिर भी वह ऐसा करता है तो सरासर........

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : नियम कहता है कि मेडिकल स्टोर चलाने के लिए फार्मासिस्ट होना जरूरी है। अगर स्टोर संचालक फार्मासिस्ट नहीं है तो वह दवाइयां बेचने के योग्य नहीं है। फिर भी वह ऐसा करता है तो सरासर नियमों की अवहेलना है और मेडिकल स्टोर संचालक कार्रवाई का पात्र है। फरीदाबाद जिले में अधिकतर दवाई विक्रेता फार्मासिस्ट नहीं हैं और वे बेधड़क होकर मरीजों को दवाइयां बेच रहे हैं। इसलिए उन्होंने नियमों को तोड़ निकाल रखा है।

खुद तो फार्मासिस्ट नहीं लेकिन किसी दूसरे फार्मासिस्ट का लाइसेंस लेकर दवाइयों की बिक्री कर रहे है। हैरानी की बात यह है कि ड्रग अथॉरिटी यह सब जानते समझते हुए भी इनके आगे बेबस है। आलम यह है कि हर साल ड्रग विभाग 84 मामले ऐसे पकड़ता है जहां जिस कैमिस्ट के नाम पर लाइसेंस होता है वह मौजूद नहीं मिलता। ऐसे में इनका लाइसेंस निलम्बित किया जाता है। इस सबके बावजूद दवाइयां धड़ल्ले से बिक रही है और लोगों के स्वास्थ्य पर खतरे की तलवार लटकी हुई है। फार्मासिस्ट का लाइसेंस लेकर अयोग्य लोगों द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

फार्मासिस्ट का लाइसेंस लेने के बदले मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा हर माह एक निर्धारित रकम अदा की जाती है। यानी स्टोर संचालक द्वारा फार्मासिस्ट का लाइसेंस किराए पर लिया जाता है। यह किराया 4 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह होता है। जब ड्रग अथॉरिटी द्वारा जांच की जाती है तो स्टोर संचालक फार्मासिस्ट का लाइसेंस आगे कर उसे दुकान का सर्वेसर्वा बता देते हैं। अथॉरिटी के अधिकारी सब कुछ जानकर भी खामोश रहते हैं।

जाहिर सी बात है कि सारा काम आपसी रजामंदी से हो रहा है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ सकता है। ड्रग अथॉरिटी द्वारा नियमों का सलीके से पालन करवाने के लिए प्रभावी ढंग से कार्रवाई कभी भी अमल में नहीं लाई गई। जांच के नाम पर हमेशा खानापूर्ति की जाती है। जिसके चलते किराए के लाइसेंस पर दवाइयां बेचने का धंधा धड्ल्ले से जारी है। बिना लाइसेंस के दवा बेचने के मामले फरीदाबाद के धौज में सर्वाधिक होते हैं। यहां इस वित्त वर्ष में अबतक ड्रग विभाग धौज में 5, सिरोही में 1, एसजीएम नगर में 1 और एनआईटी पांच में 1 मेडिकल स्टोर संचालक को बिना लाइसेंस की दवाइयां बेचते पकड़ा गया। इन सभी पर कानूनी कार्रवाई लम्बित है।  

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