Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 16 Aug, 2025 05:55 PM

नगर निगम इन दिनों लोगों को दोहरी मार दे रहा है। घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना पूरी तरह से ठप हो गई है। ऐसे में लोग खुले में कूड़ा डालने को विवश हो गए हैं।
गुड़गांव, (ब्यूरो): नगर निगम इन दिनों लोगों को दोहरी मार दे रहा है। घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना पूरी तरह से ठप हो गई है। ऐसे में लोग खुले में कूड़ा डालने को विवश हो गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ नगर निगम की तरफ से खुले में कूड़ा डालने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर उन पर जुर्माना लगाने सहित सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। इससे लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। लोगों की मानें तो महीने में एक दिन कूड़ा उठाने के लिए गाड़ी आती है। वह भी कूड़ा उठाने से ज्यादा केवल कूड़ा उठाने का शुल्क वसूलने के लिए आती है। और महीने के बाकी दिन गाड़ी नदारद रहती है।
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अधिकारियों को इस बारे में शिकायत भी की गई तो अधिकारियों ने खुद को इस व्यवस्था से लाचार बता दिया। अधिकारियों की मानें तो कूड़ा उठाने की गाड़ियों को पार्षद के अंडर दिया गया है जिसके कारण पार्षद अपने स्तर पर ही इन गाड़ियों का संचालन कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को यह पता नहीं लग रहा है कि आखिर कूड़ा उठाने की गाड़ियां कहां चल रही हैं।
वहीं, लोगों द्वारा अपने घरों का कूड़ा अब खुले में डाला ज रहा है। हर खाली प्लॉट अब कूड़े के ढेर में तब्दील हो रहा है। लोगों की मानें तो अब कूड़ा उठाने के नाम पर भी नगर निगम और ठेकेदार स्कैम करने लगे हैं। लोगों की मानें तो कूड़ा उठाने के लिए क्षेत्र में गाड़ियां तो कम भेजी जा रही हैं, लेकिन प्राइवेट कूड़ा उठाने वाले जरूर भेजे जा रहे हैं जो घरों से कूड़ा उठाने की ऐवज में 150 से 200 रुपए प्रति माह के मांग रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह कूड़ा उठाने वाले उन्हीं ठेकेदारों के लोग हैं जिन्हें कूड़ा उठाने के लिए निगम ने टैंडर दिया है। यह गाड़ियां कम और इन प्राइवेट कूड़े वालों की संख्या बढ़ाने पर जोर देने में लगे हुए हैं।
वहीं, नगर निगम कमिश्नर से जब इस स्कैम को लेकर बात की गई तो वह कहीं न कहीं बचते नजर आए। निगम कमिश्नर ने 254 गाड़ियां कूड़ा उठाने के काम में लगे होने का दावा किया, लेकिन जब इन गाड़ियों के चलने के क्षेत्र के बारे में पूछा गया तो वह जीपीएस से ट्रैक होने की बात कहने लगे। हालांकि जब लगातार कुछ क्षेत्रों से कूड़ा न उठने और गाड़ियों के महीने में एक बार आने की शिकायत सामने आई तो निगम कमिश्नर प्रदीप दहिया ने जवाब देने से इंकार कर दिया। ऐसे में साफ है कि नगर निगम अधिकारियों को भी लोगों की इस समस्या के निपटान में कोई दिलचस्पी ही नहीं है।
वहीं, नगर निगम द्वारा खुले में कूड़ा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गाड़ियों को काबू किया गया है। इन पर जुर्माना भी लगाया गया है। आज नगर निगम ने सेक्टर-57 में खाली प्लॉट में कूड़ा डालने वाली आर्मी डेकोरेटर्स नामक एजेंसी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह वही एजेंसी की गाड़ी है जो डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन करने के बाद खुले में ही कूड़ा डाल रही थी।