Edited By Yakeen Kumar, Updated: 15 Aug, 2025 11:28 AM

आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज न करने वाले निजी अस्पतालों पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने कार्रवाई शुरू कर दी है। हाल ही में रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल ने एक पात्र मरीज को इलाज देने से मना कर दिया था।
चंडीगढ़: आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज न करने वाले निजी अस्पतालों पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने कार्रवाई शुरू कर दी है। हाल ही में रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल ने एक पात्र मरीज को इलाज देने से मना कर दिया था। मरीज ने इसकी शिकायत सीधे प्राधिकरण को भेजी।
SHA ने अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जवाब में अस्पताल ने कहा कि वे योजना के तहत कैशलेस इलाज दे रहे हैं और मरीज को भर्ती कर लिया गया है। इसके बावजूद प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि अगर किसी अस्पताल ने उपचार से इनकार किया या योजना के नियम तोड़े, तो सख्त कार्रवाई होगी।
6 अगस्त को किया था इलाज बंद
गौरतलब है कि 6 अगस्त की रात 12 बजे से निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद कर रखा है। निजी अस्पतालों का कहना है कि सरकार से पूरा भुगतान समय पर नहीं मिल रहा। यह विरोध अब 8वें दिन भी जारी है। वहीं, प्राधिकरण का दावा है कि सभी बकाया बिना देरी के चुकाए जा रहे हैं। जून 2025 के दूसरे सप्ताह तक दाखिल किए गए सभी दावों का भुगतान हो चुका है। योजना शुरू होने से अब तक निजी अस्पतालों को 3,050 करोड़ रुपये से ज्यादा दिए जा चुके हैं।
मरीज ऐसे कर सके हैं शिकायत
अगर कोई अस्पताल, जो आयुष्मान योजना के पैनल में है, इलाज से इनकार करता है, तो मरीज सीएम विंडो, जन संबाद पोर्टल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म केअलावा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाकर शिकायत कर सकते हैं। वेबसाइट पर टोल फ्री नंबर भी दर्ज है। इसके अलावा प्राधिकरण को ई-मेल करके भी शिकायत दे सकते हैं।
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