Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 16 Aug, 2025 02:39 PM

ये वो गुड़गांव हैं जहां सड़कों पर तो पानी मिलता है, लेकिन लोगों को घरों में पानी नहीं मिलता। अधिकारियों को शिकायत करने के बाद आश्वासन तो मिलता है, लेकिन समाधान नहीं। यही कारण है कि लोगों को अपनी समस्याओं से समाधान के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर...
गुड़गांव, (ब्यूरो): ये वो गुड़गांव हैं जहां सड़कों पर तो पानी मिलता है, लेकिन लोगों को घरों में पानी नहीं मिलता। अधिकारियों को शिकायत करने के बाद आश्वासन तो मिलता है, लेकिन समाधान नहीं। यही कारण है कि लोगों को अपनी समस्याओं से समाधान के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ता है। पेयजल किल्लत को लेकर आज बलदेव नगर निवासियों का गुस्सा फूट पड़ा और वह सड़कों पर उतर आए।
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उन्होंने बसई रोड को पूरी तरह से जाम कर दिया और नगर निगम अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। लोगों का कहना है कि उन्हें काफी लंबे समय से पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते। जिन जनप्रतिनिधियों को चुनकर उन्होंने आगे भेजा वह भी अब उन्हें देखकर अपने दरवाजे बंद कर लेते हैं। ऐसे में अपनी आवाज बुलंद करने के लिए उन्हें सड़कों पर ही उतरने के लिए विवश होना पड़ा है।
लोगों की मानें तो 3 अगस्त से समस्या ने विकराल रूप धारण किया है। पहले आठ महीने तक गंदा पानी उनके घर आ रहा था, लेकिन सप्लाई के पानी की इस दिक्कत को दूर करने की बजाय क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति को ही बंद कर दिया गया। शिकायत के समाधान के नाम पर उन्हें आज तक आश्वासन ही मिलता आया है। टैंकर भेजे भी जाते हैं तो उसका पानी भी चंद लोगों को ही मिल पाता है। ऐसे में उन्हें मजबूरन बाजार से ही बोतल खरीदने को विवश होना पड़ता है।
उन्होंने जन प्रतिनिधियों पर भी आरोप लगाया कि जब वह वोट लेने आए थे तो उनके दरवाजे पर हाथ जोड़कर खड़े थे, लेकिन आज वही हाथ उन्हें अपने घर से धक्का देने के लिए उठ रहे हैं। शिकायत लेकर जनप्रतिनिधियों के पास जब भी वह जाते हैं तो उन्हें घर से बाहर कर दिया जाता है।
लोगों ने कहा कि अब वह अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की मनमानी से तंग आ चुके हैं। यही कारण है कि आज उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब वह सड़कों पर उतर आए और जाम लगाया तो पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। पुलिस और नगर निगम के अधिकारी भी उन्हें धमकाकर वापस घर जाने के लिए कहने लगे। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं किया तो वह अपने आंदोलन को और तेज कर देंगे।
फिलहाल लोगों का कहना है कि वह इस बार अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आर पार की लड़ाई के मूड़ में हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि अगर उनकी समस्या का जल्द ही समाधान नहीं किया गया तो वह दोबारा सड़कों पर बैठ जाएंगे और तब तक नहीं हटेंगे जब तक पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं हो जाती।