Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 12 Aug, 2025 06:18 PM

शहर में खूंखार होते जा रहे स्ट्रे डॉग्स जहां लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे वहीं, स्ट्रे डॉग्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने नगर निगम अधिकारियों की चिंता को बढ़ा दिया है।
गुड़गांव, (ब्यूरो): शहर में खूंखार होते जा रहे स्ट्रे डॉग्स जहां लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे वहीं, स्ट्रे डॉग्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने नगर निगम अधिकारियों की चिंता को बढ़ा दिया है। नगर निगम की हाउस बैठक में भी स्ट्रे डॉग्स के आतंक का मुद्दा उठा था। गुड़गांव में भले ही स्ट्रे डॉग्स के लिए कोई शेल्टर न हो लेकिन नगर निगम द्वारा एनिमल बर्थ कंट्रोल के दो सेंटर होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इन सेंटर पर किस तरह का कार्य हो रहा है इसकी किसी को जानकारी ही नहीं है।
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इन एबीसी सेंटर की विफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिनों दिन कॉलोनियों में इन स्ट्रे डॉग्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह स्ट्रे डॉग्स एकत्र होकर लोगों पर हमला भी कर रहे हैं। यही कारण है कि सिविल अस्पताल में रोजाना औसतन 40 से 50 डॉग बाइट के केस पहुंच रहे हैं। नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर डॉ प्रीतपाल सिंह की मानें तो गुड़गांव में बीमार स्ट्रे डॉग्स का इलाज करने के लिए दो एजेंसियों को हायर किया गया है। इसके अलावा इन सेंटर पर स्ट्रे डॉग्स की नसबंदी का कार्य भी इन सेंटर पर किया जाता है, लेकिन इनकी निगरानी करना शायद नगर निगम भूल गया।
यही कारण है कि इन स्ट्रे डॉग्स का संख्या बढ़ रही है। नगर निगम की हाउस बैठक में जब यह मुद्दा उठा तो नगर निगम अधिकारियों ने चार एजेंसी जल्द ही हायर किए जाने का दावा किया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लेकर अधिकारियों ने साफ किया कि अभी तक उनके पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश नहीं आए हैं। आदेशों के अनुसार कार्य किया जाएगा। अगर शेल्टर बनाने की जरूरत हुई तो वह एक स्थान को सुनिश्चित करेंगे जहां पर शेल्टर बनाया जा सके।
फिलहाल नगर निगम की तरफ से स्ट्रे डॉग्स को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है। यही कारण है कि डॉग बाइट के केस भी रोजाना बढ़ रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अब शायद उन्हें इन स्ट्रे डॉग्स से छुटकारा मिल जाए।