गर्मी व लू की चपेट में गुड़गांव- बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 27 May, 2024 01:50 PM

dc issued advisory for prevention from heat waves

इन दिनों हरियाणा सहित आसपास के अन्य राज्य गर्मी व लू की चपेट में आ गए हैं। सूरज की किरणें मानों आग उगल रही हैं जिसके कारण लोग बीमार होने लगे हैं।

गुड़गांव,(ब्यूरो) : इन दिनों हरियाणा सहित आसपास के अन्य राज्य गर्मी व लू की चपेट में आ गए हैं। सूरज की किरणें मानों आग उगल रही हैं जिसके कारण लोग बीमार होने लगे हैं। जिला आपदा एवं प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन एवं डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर धूप में घूमने वालों, खिलाडिय़ों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी बचाव इलाज से बेहतर है। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग हरियाणा द्वारा जनहित में लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिसकी सभी को पालना करते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा बनाए रखनी है। 

 

 

 

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डीसी ने आमजन से आह्वान किया कि वे सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की पालना करें और लू से बचे रहें। उन्होंने बताया कि लू से बचाव के लिए स्थानीय मौसम संबंधी खबरों के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें, गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं-भले ही प्यास न लगी हो, ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें।

 

बच्चों को वाहनों में छोडक़र न जाएं उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है, नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत खलीहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में ही आसरा लें। गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं। खासतौर से दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में सीधे न जाए। यदि बच्चे को चक्कर आए, उल्टी घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।

 

डीसी ने बताया कि बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें, तेज गर्मी, खासतौर से जब वे अकेले हों, तो कम से कम दिन में दो बार उनकी जांच करें, ध्यान रहे कि उनके पास फोन हो, यदि वे गर्मी से बैचेनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें, उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें,उनके शरीर को ठंडक देने के साथ साथ डॉक्टर अथवा एम्बुलेंस को बुलाएं, उन्हें अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए कहें।

 

 

डीसी ने बताया कि जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें, उन्हें घर के भीतर रखें, पीने के पानी के दो बाउल रखें ताकि एक में पानी खत्म होने पर दूसरे से वे पानी पी सकें, यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो उन्हें किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें। ध्यान रखें कि जहां उन्हें रखा जाए वहां दिनभर छाया रहे, अपने पालतू जानवर का खाना धूप में न रखें, जानवरों को किसी बंद जगह में न रखें, यदि आपके पास कुत्ता है तो उसे गर्मी में न टहलाएं, उन्हें सुबह और शाम को घुमाएं जब मौसम ठंडा हो, कुत्ते को गर्म सतह (पटरी, तारकोल की सडक़, गर्म रेत) पर न टहलाएं, किसी भी स्थिति में जानवर को वाहन में न छोड़ें।

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