Edited By Shivam, Updated: 28 Mar, 2020 06:28 PM
कोरोना वायरस को लेकर देश जहां लॉकडाउन किया गया है, वहीं रेलवे ने आपात स्थिति के लिए तैयारी करनी शुरू कर दी है। दरअसल रेलवे की हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित जगाधरी वर्कशॉप ने रेल कोच में बदलाव करके उसके आइसोलेशन वार्ड बना दिए हैं। ऐसा रेलवे...
यमुनानगर: कोरोना वायरस को लेकर देश जहां लॉकडाउन किया गया है, वहीं रेलवे ने आपात स्थिति के लिए तैयारी करनी शुरू कर दी है। दरअसल रेलवे की हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित जगाधरी वर्कशॉप ने रेल कोच में बदलाव करके उसके आइसोलेशन वार्ड बना दिए हैं। ऐसा रेलवे बोर्ड के निर्देश पर किया गया है।
उत्तर रेलवे की जगाधरी वर्कशॉप ने मौजूदा स्लीपर कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया है। उन्होंने हर डिब्बे को पहले सेनिटाइज किया, इसके बाद उसके परिवर्तन का काम शुरू किया। इन कोच में काम करने वाले कर्मचारी भी अपने हाथ सेनिटाइज कर रहे हैं और उन्हें डब्लूएचओ के नियमों के मुताबिक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं।
ये है आइसोलेशन वार्ड की विशेषता
टॉयलेट पैन को बंद करके दो शौचालय को बाथरूम में परिवर्तित किया गया है। इसमें हाथ साफ करने व नहाने की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक बाथरूम में एक बाल्टी और मग रखा गया है। रोगी पक्ष के मध्य बर्थ को हटाया गया है। वहीं प्लाईवुड लगाकर डिब्बे के निचले हिस्से को बंद किया गया है। प्रत्येक डिब्बे में 4 नंबर बोतल धारकों का प्रावधान किया गया है। चिकित्सा उपकरणों के लिए प्रत्येक डिब्बे में 220 वाट की इलेक्ट्रॉनिक सोकेट लगाई गई है। प्रत्येक डिब्बे में हवा के पर्दे लगाए गए हैं। प्रत्येक कोच में 10 आइसोलेशन वार्ड हैं। बाहर से 415 वाट की बिजली की आपूर्ती की जा सकती है।
मास्क और एप्रन भी तैयार किए जा रहे हैं
इसके अतिरिक्त उपयोग के अनुसार प्रति दिन 400 सुरक्षा मास्क बनाए जा रहे हैं। स्टाफ नर्स, मैट्रॉन और मरीजों के लिए एप्रन भी तैयार किए जा रहे हैं। मेडिकल स्टाफ की आवश्यकता के अनुसार जगाधरी वर्कशॉप में डॉक्टरों के लिए पीपीई किट और कवरॉल बनाने हेतु फेब्रिक प्रोक्यूर्मेंट की प्रक्रिया क्रियाशील है। जल्द से जल्द कच्चे माल की खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि चिकित्सा देखभाल किट और संबंधित वस्तुओं को बनाया जा सके।